जब अकबर भी हो गया था Ice Cream का फैन, दिलचस्प है इसके इंडिया आने की कहानी
आइसक्रीम का सफर स्वाद और इतिहास से भरपूर रहा है। चीन और ईरान से लेकर यूरोप और फिर भारत तक इसने एक लंबी यात्रा तय की है। इसे भारत पहुंचने में 100 या 200 साल नहीं बल्कि 4500 साल का लंबा सफर तय करना पड़ा था। भारत में तो अब हर गली नुक्कड़ पर Ice Cream देखने को मिल जाती है। ये कई फ्लेवर में यहां मिलती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। History Of Ice Cream: गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम खाने का एक अलग ही मजा है। भारत में आइसक्रीम के दीवानों की कमी नहीं है। गर्मी के साथ-साथ ठंड में भी कुछ लोगों को आइसक्रीम खाना बेहद पसंद होता है। आजकल तो बाजारों में आइसक्रीम के कई फ्लेवर आसानी से मिल जाते हैं। चाहे आम हो या चॉकलेट, वनीला हो या स्ट्रॉबेरी, हर फ्लेवर का अपना एक अलग फैनबेस है। इसका स्वाद लोगों को इतना पसंद आता है कि अब तो इसे घरों में भी बनाना शुरू कर दिया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई इसे शौक से खाता है।
अब तो शादी-ब्याह, बर्थडे पार्टी या फिर घर के छोटे-मोटे फंक्शन में भी आइसक्रीम जरूर खाने को मिलती है। इसके बिना तो कोई भी पार्टी अधूरी लगती है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि जो आइसक्रीम आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है, ये भारत कैसे पहुंची थी? इसकी शुरुआत कहां से हुई थी? सबसे पहले इसे किसने बनाया था? अगर नहीं, तो हम आपको इन सब सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।
4500 साल पुराना है इतिहास
आइसक्रीम आज भले ही एक मॉडर्न डेजर्ट के रूप में जानी जाती है। लेकिन इसका इतिहास बहुत पुराना और दिलचस्प है। माना जाता है कि सबसे पहले कुछ लोग फलों के रस में बर्फ मिलाकर ठंडी ड्रिंक तैयार की जाती थी। ये बाद में आइसक्रीम जैसी बनावट में बदल गया। इसकी शुरुआत करीब 4500 साल पहले हुई थी।
ऐसे नाम पड़ा था 'कुल्फी'
सबसे पहले चीन में चावल और दूध को मिलाकर एक ठंडी मिठाई बनाई जाती थी, इसे आइसक्रीम कहा जाता था। ईरान में करीब 600 ईसा पूर्व के आसपास बर्फ और फलों के रस से ठंडी मिठाइयां बनाई जाने लगी थीं। इसी दौर में ‘कुल्फी’ जैसी मिठाई भी सामने आई, जो भारत में आइसक्रीम का देसी रूप मानी जाती है।
मार्कोपोलो और आइसक्रीम का यूरोपियन सफर
ऐसा भी कहा जाता है कि 1254 से 1324 के बीच जब मार्कोपोलो चीन की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने वहां की ठंडी मिठाइयों से प्रेरित होकर आइसक्रीम बनाने की कला सीखी। इसके बाद वे इस रेसिपी को इटली ले आए। वहां से यह फ्रांस, इंग्लैंड और फिर अमेरिका तक पहुंची। 17वीं सदी तक आइसक्रीम यूरोप के रॉयल फैमिलीज में खास जगह बना चुकी थी।
भारत में कैसे आई आइसक्रीम?
अगर भारत की बात करें तो आइसक्रीम मुगलों के जरिये यहां पहुंची थी। कहा जाता है कि जब मुगल बादशाह भारत आए थे तो वे अपने साथ ईरान और मध्य एशियाई खानपान की कई चीजें भी साथ लेकर आए थे। इन्हीं में से एक थी बर्फ और दूध से बनी ठंडी मिठाई। इसे भारत में ‘कुल्फी’ के नाम से जाना जाने लगा। ऐतिहासिक दस्तावेजों जैसे 'आइना-ए-अकबरी' और 'अकबरनामा' में भी इसका जिक्र मिलता है।
हर जगह मिलती है Ice Cream
बताया जाता है कि अकबर के दरबार में एक स्पेशल ठंडी मिठाई तैयार की जाती थी, जो आज की कुल्फी या आइसक्रीम जैसी ही थी। हालांकि पहले आइसक्रीम या कुल्फी राजघरानों या अमीरों तक ही सीमित थे, लेकिन समय बदला और अब हर गली-नुक्कड़ पर इसका स्वाद लिया जा सकता है।
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