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    Sawan Jhoola: सावन में महिलाएं क्यों झूलती हैं झूला? स‍िर्फ उत्‍सव नहीं, मां पार्वती से जुड़ी है भावना

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 12:35 PM (IST)

    सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। सावन का महीना शुरू होते ही चारों ओर हरियाली नजर आती है। इस दौरान झूला झूलने की परंपरा है जो पति-पत्नी के प्रेम और सामंजस्य का प्रतीक है। मान्यता है कि भगवान शिव ने भी माता पार्वती के लिए झूला लगाया था।

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    सावन में झूला झूलने का महत्‍व (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। ये महीना श‍िव जी को समर्पित होता है। इस दौरान आपको हर जगह हरियाली नजर आती है। इस दौरान घरों के आंगन, पेड़ों और verandah में झूले लगने शुरू हो जाते हैं। हरे रंग की चुनरी, गीत-संगीत और महिलाओं की खिलखिलाती हंसी से माहौल एकदम खुशियों से भर जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सावन में झूला झूलने की ये परंपरा क्यों है?

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    आपको बता दें क‍ि सावन को प्रकृति से जुड़े उत्सव का महीना माना जाता है। इस मौसम में हरियाली चारों ओर फैल जाती है। हमारा मन भी ताजगी से भर जाता है। महिलाओं के लिए तो ये महीना बेहद ही खास होता है। झूला झूलना, लोकगीत गाना और सहेल‍ियों के साथ वक्‍त बिताना उनको सुकून और खुशी देता है।

    इस महीने घरों में झूला डालने को लेकर कई सारे धार्मिक महत्व भी हैं। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि सावन के महीने में घरों में झूला लगाने और झूला झूलने की क्‍या परंपरा है। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    झूला डालने का ये है कारण

    ऐसी मान्‍यताएं हैं क‍ि भगवान शिव ने भी सावन में माता पार्वती के लिए झूला लगाया था। साथ ही माता को झूला भी झुलाया था। तभी से ये परंपरा पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने का प्रतीक मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है क‍ि जो पत‍ि अपनी पत्‍नी को सावन के महीने में झूला झुलाते हैं, उनका वैवाह‍ि‍क जीवन प्‍यार से भर जाता है। आपने भी देखा होगा क‍ि मंदिरों में और घरों में भी देवी-देवताओं के लिए झूले लगाए जाते हैं और उन्हें झुलाया जाता है।

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    ये भी है मान्‍यता

    जैसा क‍ि आप सभी जानते हैं क‍ि सावन का महीना माता पार्वती और भोलेनाथ के म‍िलन का प्रतीक हाेता है। इस महीने मां गौरा अपने मायके चली गईं थीं। वहां माता ने अपनी सख‍ियाें संग म‍िलकर झूला झूला था। इससे माता को सुख और शांत‍ि की अनुभू‍त‍ि हुई थी। तभी से ये परंपरा मह‍िलाओं के ल‍िए बेहद खास मानी जाती है। कहते हैं क‍ि जो लड़क‍ियां और मह‍िलाएं, सावन में झूला झूलती हैं, उन्‍हें माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है।

    पर‍िवार में आती हैं खुश‍ियां

    ये भी कहा जाता है सावन के महीने में भगवान कृष्‍ण ने राधा रानी को भी झूला झुलाया था। इसके बाद से लोगों ने सावन में झूला झूलना शुरू कर द‍िया। आपको बता दें क‍ि सावन में झूला झूलने से पर‍िवार के सदस्‍यों में एकता बनी रहती है। पत‍ि-पत्‍नी के बीच प्‍यार बढ़ता है। वहीं झूला झूलने से द‍िमाग को भी शांति म‍िलती है।

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