वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए कुछ बातों का रखें ध्यान
शादी से पहले दांपत्य जीवन को लेकर देखे गए बहुत से सपने अक्सर धरातल में आने पर धराशायी हो जाते हैं। इसलिए पति-पत्नी एक-दूसरे की जरूरतों व भावनाओं को समझते हुए समझदारी से चलें। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर वैवाहिक जीवन को खुशियों से भरा जा सकता है

रोशनी सिंह
एक सरकारी संस्थान में कार्यरत नमिता चौधरी कहती हैं कि मेरे पड़ोस में रहने वाले एक परिवार के घर से दिनभर लड़ने-झगड़ने की आवाजें आती रहती हैं। कभी कभार बाजार में मिलने पर मैंने उनके घर की बहू से बात की तो पता चला कि उनके घर में सभी लोग बात-बात पर क्रोध करते हैं। इसलिए किसी न किसी बात को लेकर उनके घर में आपस में कहा-सुनी होती रहती है। इस संदर्भ में रिलेशनशिप एक्सपर्ट डा. मेघना राय कहती हैं कि अक्सर देखने में आता है कि यदि किसी घर के अधिकतर लोग बात-बात क्रोध करते रहते हैं तो वहां रहने वाले अन्य लोगों में भी इसका प्रभाव अवश्य पड़ता है। वैवाहिक जीवन में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि यदि पति-पत्नी दोनों छोटी-छोटी बातों पर भी कहा-सुनी करते रहेंगे तो धीरे-धीरे उनके संबंधों में खटास आने लगेगी। वैवाहिक जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
आप ही हमेशा सही नहीं
पति-पत्नी दोनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी मुद्दे पर जरूरी नहीं कि आप हमेशा सही ही हों। हो सकता है कि सामने वाला जो बात कह रहा हो, उसके बात कहने के पीछे उससे कई अन्य बातें भी जुड़ी हुई हों। इसलिए किसी की कोई एक बात सुनकर आपस में कहा-सुनी करना सही नहीं है। पहले आप अपने साथी की पूरी बात सुनें, इसके बाद ही कोई निर्णय लें। दांपत्य जीवन को सही तरह से चलाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि जो भी बात है, उसकी तह तक जाना आवश्यक है।
भावनाओं को समझें
यदि आपका जीवनसाथी आपसे कोई बात कह रहा है तो उस बात से जुड़ी उसकी भावनाओं को भी समझने का प्रयत्न करना चाहिए। ऐसा न हो कि आप उसकी बात सुनकर नाराज होने लगें। कारण, कई बार हम अपनी भावनाओं को सही तरह से अपने साथी से साझा नहीं कर पाते हैं। इसलिए कोई भी बात हो या कोई भी मुद्दा, आराम से बैठकर एक-दूसरे के मनोभावों को समझने का प्रयास करें। इससे आपको समझ आएगा कि आपका जीवनसाथी आपसे क्या कहना चाह रहा है।
जरूरी है सम्मान
वैवाहिक जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह भी जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे का दिल से सम्मान करें और यह तभी संभव है जब दोनों में से किसी एक के भी मन में किसी प्रकार का द्वेषभाव नहीं होगा। यदि आपके मन में जीवनसाथी से जुड़ी कोई बात आपको अंदर से मथ रही है तो उसके बारे में साथी से बात जरूर करें। हालांकि इस संदर्भ में यह जरूर ध्यान रखें कि जब आप अपने साथी से बात कर रहे हों तो उस समय अपने मन को बिल्कुल शांत रखें। यदि आपके मन में किसी प्रकार का द्वंद चल रहा है या किसी अन्य बात को लेकर आपके मन में तरह-तरह के विचार आ रहे हैं तो बेहतर रहेगा कि उस समय बात न ही करें। जब दोनों लोग सामान्य हो जाएं, तब बात करने की कोशिश करें। यह बात पति-पत्नी दोनों पर समान रूप से लागू होती है।
आलोचना का क्या काम
दांपत्य़ जीवन में प्रेम और विश्वास बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे की आलोचना करने से बचें। अक्सर देखने में आता है कि पति-पत्नी बात-बात पर एक-दूसरे की आलोचना करने लगते हैं। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खटास ही आती है। इसलिए दोनों में से कोई भी एक-दूसरे की आलोचना न करें, चाहे वह किसी काम को लेकर हो या बात उसके व्यवहार की हो। याद रखिए यदि आप दोनों एक-दूसरे के कामों या व्यवहार में कमियां निकालते रहेंगे तो आपके वैवाहिक जीवन में खटास ही आएगी। अक्सर देखने में आता है कि जब पत्नी घर का कोई काम कर रही होती है तो कुछ पति यह कह देते हैं कि अरे, तुमसे से तो घर का कोई भी काम सही ढंग से नहीं हो पाता है या आपने पति को घर का कोई काम बताया और वह उसे ठीक से नहीं कर पा रहे हैं तो यह कहने की बजाय तुम कैसे कर रहे हो या उस काम को करने का सही तरीका बताकर उनके मन में हीनभावना न पनपने दें। ऐसा करने से साथी के मन में यह संदेश जाता है कि आप उसकी आलोचना कर रही हैं। ऐसी आदत दोनों के लिए सही नहीं है।
साथ काम करने की आदत
यदि आप दोनों साथ रह रहे हैं अर्थात कामकाजी जीवन के चलते एक-दूसरे से दूर नहीं रह रहे हैं तो जहां तक संभव हो चाहे वे घर के काम हों या बाहर के, दोनों लोग मिलकर काम करने की आदत डालें। आपस में मिलकर काम करने से प्रेम और विश्वास बढ़ता है। इससे दोनों को करीब रहने का अधिक मौका भी मिलता है। यदि आप घर की साफ-सफाई या अन्य कोई काम कर रही हैं और पति घर पर हैं तो उनसे बहुत प्रेम से कहें कि आप हमारी थोड़ी सी मदद कर सकते हैं। इससे हमें थोड़ी सी राहत मिल जाएगी। इसी प्रकार से जब खरीदारी करने के लिए बाहर जाएं तो अपने जीवनसाथी को साथ लेकर जाएं।
तारीफ करना सीखें
समय-समय पर एक-दूसरे की तारीफ करने से आपस में प्रेम बढ़ता है। यदि आपका जीवनसाथी अच्छे से तैयार हुआ है तो उसके ड्रेसिंग सेंस या उसके लुक की तारीफ अवश्य करें। यह बात पति-पत्नी दोनों पर बराबर रूप से लागू होती है। याइसी प्रकार से अगर पत्नी से किसी दिन चाय अच्छी नहीं बनी है तो यह कहना कि तुम्हें तो चाय बनानी भी नहीं आती है, यह न कहें, बल्कि उस दौरान चाय की झूठी ही सही तारीफ अवश्य करें। ऐसा कर आप अपने दिमाग को दूसरी तरफ मोड़ सकते हैं।
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