Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri 2023: कंजक प्रसाद में हलवा-पूड़ी के साथ काला चना क्यों परोसा जाता है, जानें इसके फायदे व महत्व

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Sat, 21 Oct 2023 09:04 PM (IST)

    Navratri 2023 नवरात्रि व्रत कन्या पूजन के साथ पूरा होता है। इस दिन 9 कन्याओं को भोजन करवा जाता है। कुछ लोग महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो कुछ लोग महानवमी को। कन्या पूजन में खास तरह का प्रसाद बनाया जाता है। जिसे कंजक प्रसाद कहा जाता है। हलवा पूड़ी के साथ काला चना परोसा जाता है। जानेंगे क्या है इस प्रसाद का महत्व व फायदे।

    Hero Image
    Navratri 2023: कंजक प्रसाद में परोसे जाने वाले खाने के फायदे

    नई दिल्ली, लाइफ्स्टाइल डेस्क। Navratri 2023: नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूरे नौ दिनों तक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के अलावा भक्तगण व्रत रखकर मां के प्रति अपना श्रद्धा भाव अर्पित करते हैं। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि काफी खास मानी जाती हैं। क्योंकि इन्हीं दो दिनों में कन्या पूजन किया जाता है। कुछ भक्त दुर्गाष्टमी के दिन ही कन्याओं को कंजक खिलाते हैं तो कुछ नवमी तिथि को ज्यादा शुभ मानते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। मां की कृपा आप पर बनी रहती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कन्या पूजन में खास तरह का प्रसाद बनाया जाता है। जिसे कंजक प्रसाद कहा जाता है, लेकिन इसमें तीन चीज़ें जरूर बनाई जाती हैं वो है हलवा, पूड़ी और काला चना, तो क्या है इस प्रसाद का महत्व और फायदे, आइए जान लेते हैं।  

    कन्या पूजन विधि

    • अगर आप महाष्टमी पर कन्या पूजन कर‌ रहे हैं, तो पहले मां महागौरी की पूजा करें उसके बाद कन्या पूजन करें और अगर नवमी पूजते हैं, तो इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें और फिर कन्या पूजन करें।
    • कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं और 1 बालक को खिलाने की परंपरा है। अगर 9 कन्याएं नहीं मिल रही, तो 7 या 5 कन्याओं की भी पूजा की जा सकती है। नौ कन्याएं मां के 9 रूपों को दर्शाती हैं, तो वहीं बालक को हनुमान जी का रूप माना जाता है। 
    • सबसे पहले उनके पैर धोएं फिर उन्हें आसन पर बिठाएं।
    • फिर सभी कन्याओं और लंगूर को तिलक लगाएं और कलाई पर मौली को रक्षा सूत्र के रूप में बांधें।
    •  माता की आरती करें। मां को भोग घर में बने प्रसाद का भोग लगाएं और फिर इस प्रसाद का कन्याओं और लंगूर को भोजन करवाएं। प्रसाद के साथ उन्हें फल और दक्षिणा भी दिया जाता है।
    • भोजन समाप्त होने के बाद कन्याओं और लंगूर के पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें अच्छे से विदा करें। इससे दुर्गा माता प्रसन्न होती हैं।

    कंजक प्रसाद के फायदे

    कंजक प्रसाद में तीन चीज़ें खासतौर से शामिल होती हैं काला चना, हलवा और पूड़ी। ये सारी चीज़ें देसी घी में बनाई जाती हैं। जैसा कि शारदीय नवरात्रि नाम ही है, तो मौसम में हल्की ठंडक शुरू हो जाती है। ऐसे में घी में बनी चीज़ें शरीर में गर्माहट पैदा करती हैं। गाय के दूध से बनने वाला घी हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। पाचन दुरुस्त रखने से लेकर हड्डियों को मजबूत बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने जैसे और भी कई गुण है घी में। 

    काला चना और सूजी फाइबर से भरपूर होते हैं, जो मोटापे के साथ ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी बेहद फायदेमंद होता है। काले चने में प्रोटीन और आयरन की भी अच्छी खासी मात्रा होती है। इसे खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है। वहीं सूजी इम्युनिटी, एनर्जी बढ़ाने से लेकर एनीमिया और दिल की बीमारियों के खतरे को करती है कम। 

    ये भी पढ़ेंः- Suji ke Fayde: टाइप-2 डायाबिटीज के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी फायदेमंद है सूजी का सेवन, जानें और फायदे

    Pic credit- mycookingcrayons/instagram

    comedy show banner