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    Independence Day 2025: क्यों पतंगबाजी के बिना अधूरा है आजादी का जश्न? ये है इसकी ऐतिहासिक वजह

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 12:18 PM (IST)

    Independence Day यानी 15 अगस्त सिर्फ एक छुट्टी का दिन नहीं है बल्कि यह वह दिन है जब हम उस आजादी का जश्न मनाते हैं जो हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें दिलाई थी। क्या आपने कभी सोचा है कि स्वतंत्रता दिवस पर आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें क्यों लहराती हैं? आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं इसकी ऐतिहासिक वजह।

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    Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हवा में लहराता भारत का तिरंगा, जोश से भरे देशभक्ति के गीत और हर तरफ नजर आता केसरिया, सफेद और हरा रंग… ये सब देखते ही 15 अगस्त (Independence Day 2025) की वो सुबह आंखों के सामने आ जाती है। यह दिन है हमारे देश की आजादी का, उस आजादी का, जो हमें अनगिनत कुर्बानियों के बाद मिली थी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस जश्न में चार चांद लगाने वाली एक और खास चीज है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पतंगबाजी की!

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    क्या आप जानते हैं कि पतंग उड़ाना सिर्फ एक खेल नहीं हैं, बल्कि ये हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं? आइए जानते हैं आजादी की लड़ाई से क्या है इनका कनेक्शन (Why Do We Fly Kites On Independence Day)।

    विरोध से शुरू हुई कहानी

    आज भले ही पतंगबाजी एक उत्सव और मस्ती का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन इसकी शुरुआत खुशी से नहीं बल्कि विरोध से हुई थी। साल 1928 में ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में साइमन कमिशन भेजा, जिसके खिलाफ पूरे देश में नाराजगी थी। लोगों ने “Simon Go Back” के नारे लगाए और इस संदेश को और दूर तक पहुंचाने के लिए पतंगों का सहारा लिया।

    उस समय आसमान में उड़ती पतंगों पर यही नारा लिखा जाता था। खास बात यह है कि उन दिनों पतंगें रंगीन नहीं, बल्कि काले रंग की होती थीं, ताकि विरोध का संदेश साफ और मजबूत दिखाई दे।

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    आजादी का प्रतीक कैसे बनी पतंग?

    1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भी पतंग उड़ाने की यह परंपरा खत्म नहीं हुई। अब इसका मतलब बदल गया, पतंग आजाद भारत की खुली उड़ान का प्रतीक बन गई। आसमान में लहराती पतंगें जैसे यह कहती हैं कि अब भारत अपनी दिशा खुद तय करता है, अपनी मंजिल की ओर बेखौफ बढ़ता है। इस दिन तिरंगे के रंगों वाली पतंगें खास तौर पर उड़ाई जाती हैं, जो हमारे झंडे के साथ-साथ आजादी की गाथा को भी हवा में बयां करती हैं।

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