सिडनी में 'हनुक्का' उत्सव पर आतंकी हमला, 12 की मौत; आखिर क्या है यह त्योहार जिसे मनाने जुटे थे लोग?
हनुक्का, जिसे रोशनी का पर्व भी कहते हैं, यहूदी धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो आठ दिनों तक मनाया जाता है। इस साल यह 14 दिसंबर की शाम से शुरू होगा, लेक ...और पढ़ें
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क्यों 8 दिनों तक मनाया जाता है हनुक्का? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के मशहूर बोंडी बीच पर रविवार शाम को भयानक गोलीबारी हुई। यह घटना शाम करीब 6:47 की है, जब यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का पर्व की पहली रात मना रहे थे। बोंडी बीच के आर्चर पार्क में 'चानुका बाय द सी' नाम का उत्सव चल रहा था, दिसमें मेनोराह जलाने का कार्यक्रम चल रहा था।
इसी दौरान हमलावारों ने लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 29 लोग घायल हैं। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने इसे आतंकी हमला बताया और कहा कि यह हमला यहूदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किया गया था। इस हमले में शामिल एक हमालावार की मौत हो गई है और दूसरा गंभीर रूप से घायल है और फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
ऐसे में सवाल उठते हैं कि हनुक्का होता क्या है, जिसे मनाने के लिए यहूदी समुदाय के लोग इकट्ठा हुए थे और इस पर्व को कैसे मनाया जाता है। आइए जानें इन सवालों के जवाब।
क्या है हनुक्का?
हनुक्का, जिसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है, यहूदी धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह हर साल यहूदी कैलेंडर के अनुसार किस्लेव महीने की 25 तारीख से शुरू होकर आठ दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार के पीछे ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व छिपा है, जो यहूदी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता की लड़ाई को दर्शाता है।
हनुक्का मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
हनुक्का का इतिहास दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व का है, जब जूडिया (वर्तमान इजराइल) पर सेल्यूसिड साम्राज्य का शासन था। राजा एंटियोकस एपिफेन्स ने यहूदियों पर यूनानी संस्कृति और धर्म थोपने की कोशिश की, यहूदी धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया और यरूशलेम के दूसरे मंदिर को अपवित्र किया।
इस धार्मिक उत्पीड़न के विरुद्ध यहूदी क्रांति हुई, जिसे मकाबी विद्रोह के नाम से जाना जाता है। यहूदा मकाबी के नेतृत्व में एक छोटे से यहूदी समूह ने सेल्यूसिड सेना के खिलाफ विद्रोह किया और तीन साल की लड़ाई के बाद 165 ईसा पूर्व में यरूशलेम और मंदिर को मुक्त कराया।
इस साल यह त्योहार 14 दिसंबर की शाम से शुरू होगा और 22 दिसंबर की रात तक मनाया जाएगा।

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आठ दिनों तक क्यों मनाया जाता है हनुक्का?
मंदिर को शुद्ध करने और फिर से समर्पित करने के बाद, यहूदियों ने मेनोराह जलाना चाहा। लेकिन मंदिर में केवल एक दिन चलने लायक शुद्ध जैतून का तेल बचा था। चमत्कारिक रूप से, वह तेल आठ दिनों तक जलता रहा, जब तक कि नया शुद्ध तेल तैयार नहीं हो गया। इस चमत्कार की याद में हनुक्का आठ दिनों तक मनाया जाता है।
हनुक्का के दौरान, एक खास मेनोरा जिसे हनुक्कियाह कहते हैं, का इस्तेमाल किया जाता है। पहले दिन एक शमा जलाई जाती है, और हर दिन एक नई शमा जोड़कर आठवें दिन सभी आठ शामाएं जलाई जाती हैं। यह प्रकाश का त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश, निराशा पर आशा और उत्पीड़न पर स्वतंत्रता की विजय का प्रतीक है।
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(AI Generated Image)
हनुक्का उत्सव की परंपराएं
हनुक्का के दौरान कई विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। लोग तेल में तले हुए फूड्स, जैसे- लटकेस और सूफगनियोट खाते हैं, जो उस चमत्कारी तेल की याद दिलाते हैं। परिवार एक साथ इकट्ठा होते हैं, प्रार्थना करते हैं, एक-दूसरे को गिफ्ट्स देते हैं। इस दिन बच्चों को चॉकलेट के गोल्डन कॉइन भी दिए जाते हैं।

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