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    क्या वाकई हर दिन Sunscreen लगानी चाहिए? जानें धूप हो या छांव, क्यों बताया जाता है इसे जरूरी?

    हम अक्सर सोचते हैं कि Sunscreen की जरूरत सिर्फ तभी होती है जब हम तेज धूप में बाहर निकल रहे हों लेकिन क्या यह सच है? एक्सपर्ट्स की मानें तो हर दिन सनस्क्रीन लगाना हमारी Skin के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि सांस लेना! चौंक गए ना? चलिए जानते हैं कि धूप हो या छांव एक्सपर्ट इसे इतना जरूरी क्यों मानते हैं।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 22 Apr 2025 07:29 AM (IST)
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    क्या आप भी सोचते हैं सनस्क्रीन की जरूरत सिर्फ धूप में है? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम में से कई लोग सोचते हैं कि Sunscreen सिर्फ गर्मियों में या तभी लगानी चाहिए जब तेज धूप हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूरज की किरणें सिर्फ गर्मियों में ही नहीं, बल्कि साल भर हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं? यही कारण है कि Dermatologists रोजाना सनस्क्रीन लगाने की सलाह (Daily Sunscreen Use) देते हैं, फिर चाहे आप घर पर हों, बाहर हों या आसमान में काले बादल छाए हों। आइए विस्तार से जानें इसके बारे में।

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    हर मौसम में क्यों जरूरी है सनस्क्रीन?

    हमें यह समझना होगा कि सूरज सिर्फ गर्मी ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसी किरणें भी छोड़ता है जो हमारी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं UVA और UVB किरणें। UVB किरणें मुख्य रूप से त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाती हैं और सनबर्न (Sunburn) का कारण बनती हैं। वहीं, UVA किरणें त्वचा की गहरी परतों तक पहुंच सकती हैं और समय से पहले बुढ़ापा (Aging), झुर्रियां (Wrinkles) और यहां तक कि Skin Cancer का भी खतरा बढ़ा सकती हैं।

    अब सवाल यह है कि जब धूप नहीं होती, या बादल छाए रहते हैं, तो क्या इन किरणों का खतरा टल जाता है? जवाब है, नहीं! UVA किरणें बादलों को भी आसानी से पार कर सकती हैं। इसका मतलब है कि भले ही आपको सीधी धूप महसूस न हो, आपकी त्वचा लगातार इन हानिकारक किरणों के संपर्क में रहती है।

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    एक्सपर्ट्स क्यों देते हैं हर दिन सनस्क्रीन लगाने की सलाह?

    Dermatologists का कहना है कि हमें अपनी त्वचा को UVA और UVB दोनों तरह की किरणों से बचाना चाहिए और इसके लिए हर दिन सनस्क्रीन लगाना जरूरी है, चाहे मौसम कैसा भी हो।

    • बुढ़ापे के लक्षणों से बचाव: UVA किरणें त्वचा के कोलेजन (Collagen) और इलास्टिन (Elastin) को नुकसान पहुंचाती हैं, जो त्वचा को जवां और लचीला बनाए रखते हैं। हर दिन सनस्क्रीन लगाने से इन किरणों के प्रभाव को कम किया जा सकता है और झुर्रियों, महीन रेखाओं और त्वचा के ढीलेपन को रोका जा सकता है।
    • स्किन कैंसर का खतरा कम: सूरज की हानिकारक किरणें त्वचा कैंसर का एक प्रमुख कारण हैं। नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से इस गंभीर बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
    • सनबर्न से बचाव: भले ही बादल छाए हों, UVB किरणें अभी भी मौजूद रहती हैं और सनबर्न का कारण बन सकती हैं, खासकर सेंसिटिव स्किन वाले लोगों के लिए।
    • त्वचा की रंगत में सुधार: सूरज की किरणें त्वचा पर काले धब्बे (Dark Spots) और असमान रंगत (Uneven Skin Tone) पैदा कर सकती हैं। सनस्क्रीन लगाने से इन समस्याओं से बचाव होता है और त्वचा की रंगत एक समान बनी रहती है।

    कौन-सी सनस्क्रीन है सही?

    अब जब यह समझ आ गया है कि हर दिन सनस्क्रीन लगाना जरूरी है, तो यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि कौन सा सनस्क्रीन आपके लिए सही है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि ऐसे सनस्क्रीन का चुनाव करें जिसमें कम से कम SPF 30 हो और जो UVA और UVB दोनों तरह की किरणों से सुरक्षा प्रदान करे (ब्रॉड-स्पेक्ट्रम)। अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार सनस्क्रीन का चुनाव करना भी जरूरी है।

    सनस्क्रीन को बनाएं रूटीन का हिस्सा

    हर दिन सनस्क्रीन लगाना आपके डेली Skincare Routine का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए। जैसे आप हर सुबह ब्रश करते हैं, वैसे ही सनस्क्रीन लगाना भी अपनी आदत में शामिल करें। इसे अपने चेहरे, गर्दन और हाथों पर, यानी उन सभी हिस्सों पर लगाएं जो धूप के संपर्क में आते हैं।

    कब और कैसे लगाएं सनस्क्रीन?

    • Sunscreen को घर से निकलने के 15-20 मिनट पहले लगाना चाहिए।
    • इसे चेहरे के अलावा गर्दन, कान, हाथ और जहां भी त्वचा खुली हो, वहां लगाएं।
    • हर 2-3 घंटे बाद दोबारा लगाना जरूरी है, खासकर अगर आप बाहर हैं या बहुत पसीना आता है।

    सनस्क्रीन से जुड़ी आम गलतफहमियां

    “मैं तो डार्क स्किन वाला हूं, मुझे इसकी जरूरत नहीं।”

    – सच ये है कि हर स्किन टोन को UV Rays से खतरा होता है।

    “मैं ऑफिस में ही रहता हूं, बाहर नहीं जाता।”

    – ऑफिस की खिड़कियों से आने वाली धूप और स्क्रीन से निकलने वाली Blue Light भी नुकसान पहुंचा सकती है।

    “Sunscreen सिर्फ महिलाओं के लिए होती है।”

    – यह पूरी तरह गलत है। यह स्किन के सेहत से जुड़ा मामला है, जो हर किसी के लिए जरूरी है – चाहे महिला हों या पुरुष।

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