आम पेडीक्योर से काफी अलग है Medical Pedicure, इन लोगों लिए है सबसे अच्छा ऑप्शन
गर्मियों में ऐड़ियों के लिए ट्रेडिशनल पेडीक्योर से मेडिकल पेडीक्योर बेहतर है। यह पेडीक्योर का क्लीनिकल रूप है जिसमें इन्फेक्शन का खतरा कम होता है। मेडिकल पेडीक्योर अनुभवी टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है और इसमें पैरों की सुंदरता से ज्यादा सेहत का ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मियों का सीजन आते ही हमारी ऐड़ियां ज्यादा ड्राई हो जाती हैं। अगर ऐड़ियों की देखभाल ट्रेडिशनल पेडीक्योर की बजाय मेडिकल पेडीक्योर से की जाए, तो इन्फेक्शन का खतरा कम होता है और रिजल्ट अच्छे मिलते हैं।
आपकी ऐड़ियां ही आपके शरीर का पूरा वजन उठाए रहती हैं। आपकी ऐड़ियां जितनी साफ और हेल्दी होंगी, आप उतनी अच्छी तरह अपना काम कर पाएंगे। पैरों की सही देखभाल के लिए पेडीक्योर एक अच्छा ऑप्शन है। आप इसे घर पर भी कर सकते हैं और पार्लर में भी करा सकते हैं। क्या आपको पता है पेडीक्योर कराने का एक और भी ऑप्शन है-मेडिकल पेडीक्योर।
ये आम पेडीक्योर का क्लीनिकल रूप है
मेडिकल पेडीक्योर या ‘मेडी पेडी’ पार्लर में कराए जाने वाले पेडीक्योर का क्लीनिकल रूप है। इसमें मेडिकली आपके पैरों की देखभाल की जाती है। इन्फेक्शन से बचाव और आपकी सेहत का इसमें पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है।
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ये आम पेडीक्योर से कैसे अलग है
- मेडिकल पेडीक्योर एक अनुभवी मेडिकल नेल टेक्नीशियन करते हैं, जिनके पास फुट और नेल केयर में एडवांस ट्रेनिंग होती है। उनके सर्टिफिकेशन कोर्स में पोडियाट्रिस्ट (podiatrist) के अंदर इंटरर्नशिप भी शामिल है।
- मेडी पेडी में आपके पैरों की सुंदरता से ज्यादा उनकी हेल्थ पर ध्यान दिया जाता है। इसे कराने के बाद आपको काफी अच्छा महसूस होता है लेकिन ये अनुभव ट्रेडिशनल पेडीक्योर से अलग होता है।
- इस पेडीक्योर में पानी का इस्तेमाल नहीं होता। हालांकि, गुनगुने पानी में पैरों को डुबोकर बैठना सुकून देता है, लेकिन ये बैक्टीरिया का भी स्रोत हो सकता है। अगर आपकी स्किन पर किसी प्रकार का कट लगा हो, तो इस पानी से इंफेक्शन भी हो सकता है।
- इसमें पार्लर की तरह न तो फुट मसाज मिलती है, न लोशन लगाया जाता है और न ही नेल पॉलिश।
इससे क्या फायदे होते हैं?
- मेडिकल पेडीक्योर करने वाले हमेशा ही एक अनुभवी टेक्नीशियन होते हैं, इसलिए किसी प्रकार की चूक होने का डर कम होता है। इसमें आप सीधे टेक्नीशियन से भी संपर्क कर सकते हैं, लेकिन पार्लर में ऐसा करना संभव नहीं।
- पार्लर में कई बार बैक्टीरिया, वायरस और फंगल इन्फेक्शन का खतरा रहता है। लेकिन मेडिकल पेडीक्योर में स्टरलाइज तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिसे डॉक्टर्स भी इन्फेक्शन रोकने के लिए करते हैं।
- मेडिकल पेडीक्योर में सुरक्षा सबसे पहले आती है। टेक्नीशियन आपके पैरों के नाखूनों को बिल्कुल सही लंबाई में काटते हैं, जो कि पैरों के लिए जरूरी होता है।
- टेक्नीशियन आपके क्यूटिकल्स को बड़ी ही सावधानी से काटते हैं। क्यूटिकल्स को काटने में गलती होने पर आपके नाखून काफी लंबे समय तक डैमेज हो जाते हैं।
इन बीमारियों में फायदेमंद हो सकता है
- ऑटोइम्युन डिजीज
- डायबिटीज
- कैंसर
- पेरीफेरल न्यूरोपैथी
मेडिकल पेडीक्योर कराने के बाद क्या करें
इसे कराने के बाद रिकवर होने में एक से दो दिन का समय लगता है। बहुत ज्यादा भागदौड़ का काम न करें, उससे इरिटेशन हो सकती है। घर के अंदर और बाहर हमेशा पैरों को सपोर्ट देने वाले फुटवियर पहनें। पैरों को सॉफ्ट और हेल्दी बनाए रखने के लिए रोजाना फुट क्रीम लगाएं, लेकिन अंगूठों के बीच रगड़ें नहीं।
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