रेनकोट तो बहुत बार पहना होगा, लेकिन क्या कभी सोचा है कैसे हुआ था इसका आविष्कार?
अगर बारिश हो रही हो तो खुद भीगने से बचाने के लिए रेनकोट का इस्तेमाल तो आपने भी कई बार किया होगा। यह काफी आरामदेह भी होता है और इसे पहनकर आप बारिश से भी बच जाते हैं। लेकिन क्या कभी इसे पहनते वक्त मन में ऐसा सवाल आया है कि आखिर पहली बार रेनकोट (Raincoat History) किसने बनाया होगा।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बारिश के मौसम में रेनकोट का इस्तेमाल खूब किया जाता है। बारिश में भीगने से खुद को बचाने का यह बेहद सुविधाजनक तरीका है। छाते का इस्तेमाल करते वक्त आपका एक हाथ व्यस्त हो जाता है, लेकिन रेनकोट के साथ तो ये परेशानी भी नहीं होती। इसलिए लोग रेनकोट को खूब पसंद करते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पहली बार रेनकोट बनाने का ख्याल किसके मन में आया था। मॉडर्न रेनकोट हल्के, कंफर्टेबल और फैशनेबल होते हैं, लेकिन शुरुआत में यह ऐसा नहीं था। आइए जानें क्या है रेनकोट का इतिहास।
पहले कैसे करते थे बारिश से सुरक्षा?
रेनकोट जैसे कपड़ों का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आया है। प्राचीन मिस्र, ग्रीस और रोम में लोग जानवरों की खाल, चमड़े और तेल लगे कपड़ों का इस्तेमाल करते थे, ताकि वे बारिश से बच सकें। चीन और जापान में भी तेल लगे कागज या पत्तों से बने कपड़े बारिश से बचने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
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यूरोप और रेनकोट का विकास
मिडल एज यूरोप में, लोग सूती कपड़ों पर मोम या तेल की परत चढ़ाकर उन्हें वॉटर रेजिस्टेंट बनाते थे। इसके कारण ये काफी भारी होते थे और इनसे अजीब सी गंध भी आती थी। लेकिन 18वीं सदी में स्कॉटलैंड के केमिस्ट चार्ल्स मैकिन्टोश ने रबर वाले कपड़े का आविष्कार किया, जिससे पहला आधुनिक रेनकोट बना। इसके बाद से ही "मैकिन्टोश कोट" नाम से मशहूर हो गया। हालांकि, इस डिजाइन में भी काफी सुधार किए गए, जिसने आगे चलकर आज के रेनकोट का रूप लिया।
20वीं सदी में तकनीकी सुधार
20वीं सदी में सिंथेटिक फाइबर और प्लास्टिक के आविष्कार ने रेनकोट को हल्का और ज्यादा असरदार बना दिया। नायलॉन और पॉलिएस्टर जैसे मटीरियल का इस्तेमाल होने लगा, जिससे रेनकोट ज्यादा टिकाऊ और स्टाइलिश बने। सैन्य बलों ने भी खास वॉटर रजिस्टेंट कोट विकसित किए, जिन्हें दूसरे विश्व युद्ध के दौरान खूब इस्तेमाल किया गया।
आधुनिक रेनकोट और फैशन
आज रेनकोट न केवल बारिश से सुरक्षा देते हैं, बल्कि फैशन का भी अहम हिस्सा बन चुके हैं। ब्रांड्स ने ट्रेंच कोट, पोंचो और फोल्डेबल रेनकोट जैसे डिजाइन पेश किए हैं, जो सुविधाजनक और आकर्षक हैं। गोर-टेक्स जैसी तकनीक ने रेनकोट को पूरी तरह से वाटरप्रूफ और ब्रीथेबल बना दिया है।
आज का रेनकोट जो आपको बिल्कुल मामूली नजर आता है, उसे बनाने में काफी समय लगा है और कई सुधारों के बाद उसे ये रूप मिला है। जानवरों की खाल, तेल लगे कपड़े से लेकर आधुनिक हाई-टेक फैब्रिक तक, रेनकोट ने एक लंबा सफर तय किया है।
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