नजाकत की पहचान है Chikankari, कपड़े खरीदते समय इन 5 तरीकों से करें असली-नकली की परख
Chikankari Work भारत अपनी विविधता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां कपड़ों में चिकनकारी की कढ़ाई खास है। लखनऊ अपनी चिकनकारी के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इसके कपड़े गर्मियों में खूब पहने जाते हैं। ऐसे में असली और नकली चिकनकारी में फर्क करना जरूरी है। कुछ टिप्स की मदद से आप पहचान कर सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Real Or Fake Chikankari: भारत को विविधता का देश कहा जाता है। यहां का हर एक हिस्सा किसी न किसी वजह से दुनिया भर में फेमस है। चाहे घूमने-फिरने की बात हो या खाने की, या फिर पहनने-ओढ़ने की, भारत में सब कुछ खास होता है। यहां पर अलग-अलग राज्यों की कुछ न कुछ खासियत जरूर होती है।
कपड़ों की ही बात करें ताे यहां आपको कई तरह की साड़ियां मिल जाएंगी। कांजीवरम से लेकर बनारसी साड़ियां भी लोगों को खूब पसंद आती हैं। वहीं जब भी कढ़ाई की बात होती है तो जरी से लेकर चिकनकारी का नाम जरूर आता है। आज हम चिकनकारी की बात करेंगे। चिकनकारी का नाम सुनते ही लखनऊ की याद आ जाती है। लखनऊ दो ही चीजों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। पहला तो यहां का जायका, दूसरा चिकनकारी की कढ़ाई। चिकनकारी का काम इतना हल्का होता है कि लोग उसे गर्मी के मौसम में ही पहनना ज्यादा पसंद करते हैं।
ऐसे करें पहचान
इसकी कढ़ाई ज्यादातर कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। जिसे बहुत बारीकी से किया जाता है। इस कारण ये बाजारों में काफी महंगे भी मिलते हैं। लेकिन जब आप इसे खरीदने जाते हैं तो असली और नकली में फर्क करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। क्योंकि आजकल बाजारों में नकली चिकनकारी वाले कपड़े भी मिलते हैं। ऐसे में आपका पैसा डूब सकता है। आज हम आपको असली और नकली चिकनकारी कढ़ाई की पहचान करने के तरीके बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से-
कढ़ाई की बारीकी पर दें ध्यान
आपको बता दें कि असली चिकनकारी की कढ़ाई हाथों से की जाती है। हालांकि आज बाजारों में मशीनों से भी चिकनकारी कढ़ाई की जाने लगी है। अगर आप चिकनकारी की कोई सूट या साड़ी खरीदने जा रहीं हैं तो कढ़ाई की बारीकी पर जरूर ध्यान दें।
रंगों पर ध्यान दें
असली चिकनकारी की कढ़ाई करने वाले धागों को रंगने के लिए नेचुरल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ये बहुत हल्के होते हैं। अगर रंग बहुत चटख लग रहे हैं तो समझ जाएं कि ये नकली चिकनकारी है।
कीमत पर भी नजर रखें
असली चिकनकारी कढ़ाई की कीमत बाजारों में कुछ ज्यादा ही हाेती हैं। ऐसे में अगर आप खरीदारी करने गईं हैं तो रेट पर जरूर ध्यान दें। अगर कपड़ा बहुत सस्ता मिल रहा है तो इसका मतलब है कि ये नकली कढ़ाई है। दरअसल, इस कढ़ाई काे करने में काफी मेहनत लगती है जिस कारण ये काफी महंगे मिलते हैं।
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कपड़े के पीछे भी कढ़ाई चेक करें
असली चिकनकारी की पहचान करनी हे तो कपड़े के पीछे के धागों पर भी जरूर ध्यान दें। हाथ से की गई कढ़ाई में धागे थोड़े ढीले होते हैं। ऐसे में अगर ये मशीन वाली कढ़ाई होगी तो धागे एकदम टाइट होंगे। इस तरह आप इसकी पहचान कर सकती हैं।
लेयरिंग भी देखना जरूरी
दरअसल, असली चिकनकारी में धागे कई लेयर में होते हैं। इस कारण इसकी कढ़ाई उभरी हुई नजर आती है। नकली चिकनकारी में धागे उभरे हुए नहीं होते हैं। ये भी असली-नकली चिकनकारी की पहचान करने का सही तरीका हो सकता है।
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