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    बालों की सुंदरता बढ़ाने वाला गजरा सेहत के लिए भी है फायदेमंद, ये खूबियां बनाती हैं इसे खास

    Updated: Fri, 16 May 2025 04:00 PM (IST)

    भारत में त्योहारों और शादियों में गजरा लगाने का चलन है खासकर दक्षिण भारत में यह संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह सिर्फ खूबसूरती ही नहीं निखारता बल्कि आपकी सेहत को भी फायदा पहुंचाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार मोगरा और गुलाब जैसे फूलों की खुशबू तनाव कम करती है और मन को शांत रखती है।

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    सुंदरता ही नहीं सेहत भी निखारता है गजरा (Picture Credit- Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादियों या किसी त्योहार में भारत के कई हिस्सों में बालों में गजरा या वेणी सजाने का रिवाज है, लेकिन दक्षिण भारतीय महिलाओं के लिए यह उनके कल्चर का हिस्सा है। आखिर महिलाएं बालों में गजरा क्यों सजाती हैं और किन फूलों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। मेंटल हेल्थ पर भी इसका काफी पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है? आइए इस बारे में जानते हैं राजकोट से आयुर्वेद एक्सपर्ट, वैद्य (BAMS) स्वाति पारीख से।

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    जैस्मीन या मोगरे के फूल हैं पसंदीदा

    वैसे तो कई सारे फूलों से गजरा तैयार किया जाता है, लेकिन मोगरे के फूल या उसकी कली का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसकी भीनी-भीनी खुशबू और खूबसूरती इसे गजरे के लिए पहली पसंद बनाते हैं। गजरा बनाने के लिए बड़ी ही सावधानी से एक-एक फूलों को चुना जाता है और फिर धागे या वायर में पिरोया जाता है। इसमें फूलों की ताजगी काफी मायने रखती है। कुछ जगहों पर मोगरे के साथ-साथ गुलाब की कली को भी पिरोया जाता है, ताकि सफेद और लाल रंग का एक अच्छा कॉम्बिनेशन तैयार हो सके।

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    मेंटल हेल्थ के लिए है फायदेमंद

    गजरे की खुशबू सीधे तौर पर आपकी मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर असर डालती है। आयुर्वेद और अरोमाथैरेपी के अनुसार, मोगरा और गुलाब की खुशबू तनाव को कम करती है और नर्वस सिस्टम को भी शांत रखती है। इससे पॉजिटिव विचार आते हैं और भावनात्मक रूप से भी बैलेंस लाती है। गजरे से आने वाली महक दिनभर उस महिला को शांत, फोकस और आध्यात्मिक रूप से बेहतर महसूस कराने में मदद करती है।

    सोलह श्रृंगार का भी है हिस्सा

    गजरे को समृद्धि, प्यार और प्रजनन का प्रतीक माना जाता है। इससे स्त्री की सुंदरता बढ़ती है और उनकी पर्सनालिटी में एक सौम्यता आती है। सदियों से ही सोलह श्रृंगार में गजरे को बालों में सजाने की परंपरा रही है। दुल्हनें गजरे के साथ बड़े ही आत्मविश्वास और पॉजिटिविटी से नई जिंदगी में कदम रखती हैं।

    दुल्हनों का गजरा होता है थोड़ा अलग

    दक्षिण भारत में दुल्हनें पूरी चोटी में ही गजरा सजाती हैं, जिसे पूला जड़ा या फिर मोगरा जड़ा भी कहते हैं, यह जैस्मीन के फूलों से तैयार किया जाता है। पूला जड़ा एक लंबी-सी माला होती है जोकि दुल्हन के पूरे बालों में गूंथा जाता है और यह कमर तक आती है।

    आमतौर पर इसे बन या चोटी के रूप ही बनाया जाता है और उस पर फिर गोल्ड या पर्ल एसेसरीज की सजावट भी की जाती है। इसके अलावा भी दुल्हनें अलग-अलग फूलों जैसे गुलाब, गेंदा या कमल का गजरा या वेणी सजाती हैं। छोटे आकार के इन गजरों को बन या चोटी के आस-पास लगाया जाता है या फिर अलग स्टाइल से बालों में सजाया जाता है।

    गजरा बनाने के लिए चाहिए स्किल

    इसे तैयार करना आसान नहीं। इसकी गुंथाई के लिए काफी स्किल की जरूरत होती है। इसमें फूलों का सिलेक्शन करने से लेकर धागे या वायर में पिरोने तक की पूरी प्रक्रिया में काफी बारीकी से काम करने की जरूरत होती है।

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