Jharkhand News: अंधविश्वास में 11 माह की बच्ची की कुत्ते से कराई शादी, बरातियों को भोज भी खिलाया
Jharkhand News In Hindi झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में एक अनोखी शादी हुई। एक 11 माह की बच्ची की शादी एक कुत्ते से कराई गई। यह शादी हो जन जाति की परंपरा के अनुसार की गई जिसमें कुकुर दांत वाली बच्ची की शादी कुत्ते से करने की परंपरा है। अब यह शादी पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रही है।

संवाद सहयोगी, चाईबासा। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के चिमीसाई गांव में एक 11 माह की बच्ची की कुत्ते से शादी कराने की खबर सामने आई है।
यह शादी वैसे ही हुई जैसे एक आम शादी होती है। इसमें दूल्हा, दुल्हन, बैंड बाजा और बरात सबकुछ था। शादी के बाद बरातियों ने भोज का आनंद भी उठाया।
दरअसल, हो जनजाति (आदिवासी) में दांत के ऊपर दांत (कुकुर दांत) को अशुभ माना जाता है। इस अंधविश्वास में जिस बच्ची को कुकुर दांत होता है, अशुभ को टालने के लिए उसकी शादी कुत्ते से करने की परंपरा है।
यह शादी मागे परब (त्योहार) के दौरान की जाती है। बता दें कि इन दिनों हो जनजातियों का मागे परब चल रहा है। इसी दौरान शुक्रवार को बच्ची की शादी कुत्ते से कराई गई है।
ऐसी है रस्म
- हालांकि, यह शादी सिर्फ एक रस्म भर होती है। चिमीसाई गांव में शादी के दौरान कुत्ते के एक पैर के नाखून पर सिंदूर लगाकर बच्ची की मांग को भरा जाता है।
- इसके बाद कुत्ते को खुला छोड़ दिया जाता है। बता दें कि इस शादी के दौरान लोगों को जश्न मनाते हुए भी देखा गया। महिलाएं नाच रही थीं, ढोल-नगाड़े बज रहे थे। मांदर की थाप पर युवा थिरक रहे थे।
- शादी के दौरान कुत्ते को धोती पहनाई गई थी। इसी तरह से बच्ची को पीले रंग की साड़ी पहनाई गई थी। इसके बाद दोनों को गोद में लेकर विधि-विधान के साथ पूजा भी की गई।
- इस शादी के पहले एक चूजे की बलि भी दी गई। इसके बाद शादी की रस्म शुरू हुई।
झाड़-फूंक के नाम पर आदिवासी महिला की पिटाई
उधर, अंधविश्वास का एक और मामला गम्हरिया प्रखंड में सामने आया है। यहां जयकान पंचायत के अंतर्गत नूनाडीह टोला डुंगरीडीह के बिशु मुर्मू नामक व्यक्ति द्वारा झाड़ फूंक के नाम पर एक आदिवासी महिला के साथ मारपीट किए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है।
इस बावत पीड़िता द्वारा आरोपी के खिलाफ गम्हरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस बावत बताया गया है कि बीते 24 फरवरी को महिला कुछ दिनों से बीमार थी।
कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि बिशु मुर्मू बीमारी का इलाज करता है। महिला के परिजनों द्वारा जब उसे बिशु के पास ले जाया गया तो उसने झाड़-फूंक के नाम पर महिला को बाल खोलकर घर में बनाए गए पूजा स्थल पर माथा टेकने को कहा।
बाल पकड़कर लात-घूंसे से किया वार
बताया गया है कि जैसे ही महिला माथा टेकने के लिए झुकी, आरोपी ने उसके बाल पकड़कर उस पर लात, घूंसे और लाठी से प्रहार करने शुरू कर दिया।
इतना ही नहीं आरोप है कि मानवता को शर्मसार करते हुए मुर्मू ने उक्त महिला के गुप्तांगों पर भी हमला किया जिससे वह महिला बुरी तरह घायल हो गई और बेहोश हो गई।
चार दिन अस्पताल में कराना पड़ा इलाज
इसके बाद परिजनों द्वारा घायल महिला को चार दिनों तक स्थास्नीय निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। इस मामले को लेकर आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
इधर, इस मामले में झामुमो नेता भोमरा माझी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस तरह के अंधविश्वास फैलाने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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