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    Jharkhand News: 400 हेल्थ वर्कर की नौकरी पर मंडराने लगा खतरा, झोल सामने आते ही मचा हड़कंप; दिए गए जांच के आदेश

    Updated: Sun, 02 Mar 2025 09:20 PM (IST)

    जामताड़ा में लगभग 400 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर की गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस संस्थान का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया वहां ऐसे पाठ्यक्रम संचालित ही नहीं होते। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तक शिकायत पहुंचने के बाद आरंभिक जांच में कई खुलासे हुए हैं। इससे स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी पर खतरा भी मंडराने लगा है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    प्रदीप सिंह, रांची। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर वर्ष 2023 में जामताड़ा में अनुबंध पर लगभग 400 हेल्थ वर्कर की नियुक्ति की गई।

    आश्चर्यजनक यह है कि जिस संस्थान का सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया गया, वहां इसके पाठ्यक्रम संचालित नहीं होते। इससे संबंधित शिकायत स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा है।

    इसके बाद हुई आरंभिक जांच में खुलासे चौकाने वाले हैं। जिस संस्थान मां पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट का सर्टिफिकेट बहाली से संबंधित दिया गया है, उसने इस प्रकरण में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।

    इस संस्थान का रजिस्टर्ड कार्यालय, शिव मंदिर के निकट, नामकुम बस्ती, रांची-खूंटी रोड है। लेकिन जारी किए गए सर्टिफिकेट में इसका पता हनुमान मंदिर के निकट, कृष्णापुरी चुटिया दिया गया है।

    यह भी आश्चर्यजनक है कि जिन अभ्यर्थियों को बहाल किया गया, उन सभी के प्रमाणपत्र एक ही इंस्टीट्यूट मां पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट की ओर से जारी किए गए हैं।

    सारी बहालियां कमांडो सिक्योरिटी फोर्स, हजारीबाग के जरिए नियोजन कर सिविल सर्जन, जामताड़ा को भेजी गई।

    अनुबंध पर बहाल लैब टेक्नीशियन की करामात

    इस पूरे प्रकरण में अनुबंध पर बहाल एक लैब टेक्नीशियन मंटू कुमार रूहीदास का नाम सामने आया है कि बहाली के नाम पर अभ्यर्थियों से भारी वसूली भी की गई।

    शिकायत आई है कि सर्टिफिकेट के नाम पर प्रति अभ्यर्थी 40 हजार रुपये और प्रतिनियोजन के नाम पर 60 हजार रुपये से लेकर 80 हजार रुपये तक वसूले गए। कुल मिलाकर लगभग पांच करोड़ रुपये की वसूली की गई।

    कमांडो एजेंसी के जरिए लगभग 100 गार्ड भी बहाल किए गए, जिसमें प्रति अभ्यर्थी 60 हजार रुपये से 70 हजार रुपये तक वसूलने की शिकायत की गई है।

    मेरे यहां से ऐसा कोई प्रमाणपत्र इश्यू नहीं हुआ है। मंटू कुमार रूहीदास हमारे संस्थान का अनियमित छात्र था। फीस नहीं देने के कारण उसे हटा दिया गया। हमारे संस्थान का इससे कोई संबंध नहीं है। हमारा पता भी अलग है। इस प्रकरण में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हमलोगों से भी इससे संबंधित जानकारी मांगी गई है।-सुमन पटेल, प्रभारी, मां पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट

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    इस काम के लिए 800 करोड़ से अधिक की राशि का होगा प्रविधान

    • राज्य विधानसभा में सोमवार को प्रस्तुत होने वाले बजट में पेयजल स्वच्छता विभाग जल जीवन मिशन योजना के लिए 800 करोड़ से अधिक धन की स्वीकृति करेगा।
    • राज्य में अभी करीब 28 लाख नए घरों में जल का कनेक्शन लगना है। योजना का 54 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा है।
    • 2019 में प्रारंभ हुई जल जीवन योजना को पहले 2024 में ही पूरा हो जाना था। लेकिन केंद्रीय बजट में इसकी अवधि बढ़ाकर 2028 कर दी गई है।
    • यह योजना केंद्र और राज्य द्वारा 50-50 प्रतिशत की सहायता से चलाई जाती है। राज्य में बाकी बड़ी योजना को पूरा करने के लिए बजट में राशि के प्रविधान किए जाने के बाद इसकी गति तेज होगी।
    • राज्य सरकार के बजट में पेयजल के अलावा स्वच्छता के लिए भी राशि आवंटित की जाएगी।

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