Chakradharpur News: चक्रधरपुर में PLFI उग्रवादियों के खिलाफ ग्रामीणों ने उठाए हथियार, एक सप्ताह में चार की हत्या
झारखंड में PLFI उग्रवादियों के खिलाफ ग्रामीण खुद ही मोर्चा संभाल रहे हैं। हाल ही में उग्रवादियों ने 6 ग्रामीणों की हत्या कर दी वहीं पुलिस ने भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पुलिस की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने खुद ही उग्रवादियों से दो-दो हाथ शुरू कर दिया है। एक सप्ताह में ग्रामीणों ने 4 उग्रवादियों की हत्या कर दी।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर(पश्चिमी सिंहभूम)। पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित गुदड़ी और टेबो क्षेत्र में उग्रवादियों के आंतक से परेशान ग्रामीण अब उनसे दो-दो हाथ कर रहे हैं। यहां एक सप्ताह में ग्रामीणों ने पीएलएफआइ (पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट आफ इंडिया) के चार उग्रवादियों को घेरकर मार डाला है। हालांकि, अब तक पुलिस किसी भी उग्रवादी का शव बरामद नहीं कर सकी है।
PLFI के उग्रवादियों ने की 6 ग्रामीणों की हत्या
पिछले दिनों पीएलएफआइ उग्रवादियों ने इलाके में एक-एक कर छह ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ग्रामीण आक्रोशित हैं। ग्रामीणों के तेवर देख उग्रवादियों के होश उड़े हुए हैं।
कई नक्सली क्षेत्र छोड़कर फरार बताए जा रहे हैं। उनकी तलाश में 30 से अधिक गांवों के सैंकड़ों ग्रामीण तीर-धनुष और अन्य हथियार के साथ जंगली व पहाड़ी क्षेत्र में 40 से 50 किलोमीटर क्षेत्र में मोर्चे पर डटे हैं। ग्रामीण उग्रवादियों के समूल नाश की बात कह रहे हैं।
- ग्रामीणों ने पीएलएफआई के ग्रुप लीडर मोटा टाइगर, गोमिया व दो अन्य को मार डाला है।
- मोटा टाइगर पूर्व नक्सली शनिचर सुरीन जो मारा जा चुका है, का भतीजा है।
- ग्रामीण अन्य उग्रवादियों की भी तलाश कर रहे हैं।
शव बरामद करने के लिए अभियान चला रही पुलिस
पुलिस अधीक्षक, चाईबासा, आशुतोष शेखर का कहना है कि सूचना के बाद शवों की बरामदगी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जबतक शव बरामद नहीं हो जाते तबतक आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते। ग्रामीणों से लगातार संवाद किया जा रहा है।
इन घटनाओं ने पुलिस पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। खौफ के साए में जी रहे लोग सुरक्षा के लिए खुद हथियार उठाने को मजबूर हैं और पुलिस मूक दर्शक बनी है।
बालू का अवैध धंधा बना टकराव का कारण
उग्रवादियों और ग्रामीणों के बीच टकराव का ताजा कारण बालू का अवैध धंधा बताया जा रहा है। लेवी को लेकर उग्रवादियों ने 24 नवंबर को बिनोद तांती व घनसा टोपनो की हत्या कर दी।
इसके बाद 26 नवंबर को भरडीहा बाजार में नमन लोमगा नामक ग्रामीण को मार डाला। इससे पूर्व टेबो थाना क्षेत्र में तीन फेरीवालों की हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने नहीं की कोई ठोस कार्रवाई
इन हत्याओं के बाद पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी, जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने खुद ही हथियार उठाने का फैसला किया। गुदड़ी तथा आसपास के 30 से अधिक गांवों के लोगों ने एक सप्ताह पहले बैठक करके उग्रवादियों से आरपार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया था।
इससे पहले भी ग्रामीणों ने छेड़ा अभियान
- ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी ग्रामीण संगठित होकर नक्सलियों की हत्या कर चुके हैं। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम में ही पहले भी ग्रामीण इस तरह का अभियान छेड़ चुके हैं।
- वर्ष 2009 में चक्रधरपुर के झरझरा व टोकलो इलाके में ग्रामीणों ने नक्सली संगठन जेएलटी (झारखंड लिब्रेशन टाइगर्स) के खिलाफ संगठित होकर बड़े पैमाने पर सेंदरा अभियान (घेरकर जान से मार देने का अभियान) चलाया था।
- उसके बाद गुदड़ी में ग्रामीणों ने दो बार सात-सात पीएलएफआइ उग्रवादियों की हत्या कर दी थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।