Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rail Ticket: रेल टिकट टेंपरिंग का जामताड़ा से जुड़ा तार, जालसाजों के निशाने पर 5 रेलवे स्टेशन

    माइक्रो रबड़ स्टांप का इस्तेमाल कर रेलवे टिकटों में हेराफेरी कर यात्रियों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मुजफ्फरपुर और हटिया में पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि ये माइक्रो रबड़ स्टांप झारखंड के जामताड़ा में बनते हैं। जालसाज वहीं से इन्हें बनवाकर लाते हैं और देश के विभिन्न स्टेशनों पर टिकटों में हेराफेरी कर यात्रियों को ठगते हैं।

    By Gopal Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 12 Dec 2024 03:38 PM (IST)
    Hero Image
    जामताड़ा में बन रहे माइक्रो रबड़ स्टांप से रेलवे टिकटों में हो रही हेराफेरी

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। रेलवे की विभिन्न श्रेणी की टिकटों में टेंपरिंग कर यात्रियों के टिकट बदल ठगी करने वाले बदमाशों से एक बड़ा रैकेट का पता चला है। मुजफ्फरपुर में जंक्शन पर चार व हटिया में पकड़े गए एक बदमाश से पूछताछ में पता चला कि माइक्रो रबड़ स्टांप झारखंड के जामताड़ा में बनता है। जालसाज वहीं से इसे बनवाकर लाते हैं और देश के विभिन्न स्टेशनों पर टेंपरिंग टिकट थमाकर यात्रियों को ठगी का शिकार बनाते है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जामताड़ा जिला दुमका से टूटकर बना है। वहां कुछ जगहों पर माइक्रो रबड़ स्टांप का धंधा फलफूल रहा है। वह जिला साइबर क्राइम के लिए भी देश में मशहूर है। माइक्रो रबड़ स्टांप बनाने वाले को पकड़ने के लिए मुजफ्फरपुर व हटिया आरपीएफ खाक छान रही है। इसके अलावा रेलवे बोर्ड के आदेश पर विजिलेंस की टीम भी पकड़ने में लगी है।

    जालसाजों के निशाने पर मुजफ्फरपुर समेत पांच रेलवे स्टेशन:

    टेंपरिंग टिकट बनाने वाले बदमाशों से हुई पूछताछ में जालसाजों के निशाने पर पूर्व मध्य रेल के मुजफ्फरपुर सहित पांच रेलवे स्टेशन हैं। इसमें पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, जयनगर, मधुबनी व गया शामिल हैं। मुजफ्फरपुर में दो दिसंबर को पारू थाने के गोकुला गांव निवासी उमेश सहनी, दशरथ सहनी, संतोष सहनी सरैया थाने के अजीतपुर गांव निवासी और बिगु राम वैशाली जिले के बेलवर गांव का निवासी पकड़ा गया था। इन लोगों के पकड़े जाने के बाद गिरोह का पांचवां सदस्य झारखंड के हटिया स्टेशन पर यात्रियों को ठगने लगा।

    वहां के आरपीएफ एसआइ दीपक कुमार को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से भारी मात्रा में माइक्रो रबड़ स्टांप व जनरल टिकट मिले। बाद में वहां के एसआइ ने मुजफ्फरपुर आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार से संपर्क कर पूरी जानकारी ली। पकड़ा गया जालसाज वीरबहादुर हटिया के जगन्नाथपुर थाने के बीरसा चौक के सवेरा लाज में रहता था। पिछले छह महीने से वहां रांची, हटिया व आसपास के स्टेशनों पर यात्रियों को ठगी का शिकार बना रहा था।

    देश के सभी बड़े स्टेशनों के आसपास सक्रिय:

    पूछताछ से पता चला कि इसका रैकेट देश के सभी बड़े स्टेशनों के अलावा आसपास के स्टेशनों पर रहता है। इसके जाल के तोड़ने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेल मुख्यालय के प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त को आदेश दिया। इसके बाद पूरे देश के आरपीएफ की सक्रियता बढ़ गई है। इस गिरोह के अन्य बदमाशों को पकड़ने के लिए मुजफ्फरपुर आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने खुफिया जाल बिछाया है।

    पर्व-त्योहार पर भीड़ का लाभ उठा करते लाखों का कारोबार:

    टेंपरिंग टिकट के खेल में जालसाजों की चांदी कट रही है। हर पर्व-त्योहार के अवसर पर लाखों का कारोबार करता है। दुर्गा पूजा-छठ-दीपावली में वह दिल्ली चला जाता है। दिल्ली के अलावा सरायरोहिला स्टेशन पर बिहार-झारखंड की तरफ आने वाले यात्रियों को ठगी का शिकार बनाता है। इधर, मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल स्टेशन के साथ परेल स्टेशन पर गर्मी की छुट्टी में आने-जाने वाले यात्रियों को शिकार बनाता है। इसकी भी जानकारी आरपीएफ को मिली है।

    नाम व पते का किया सत्यापन:

    मुजफ्फरपुर व हटिया से पकड़े गए जालसाजों के चरित्र और पते का सत्यापन कराया गया है। आरपीएफ इंस्पेक्टर के आदेश पर एसआइ गोकुलेश पाठक ने सभी पांचों बदमाशों की कुंडली तैयार की है ताकि जेल से छूटने के बाद उसके अपराध की पूरी कहानी का रिकार्ड पता रहे।