Railway News: चक्रधरपुरवालों की हो गई बल्ले-बल्ले, रेलवे विभाग ने दे दी बहुत बड़ी राहत
चक्रधरपुर के बहुप्रतिक्षित अंडरपास को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। यह अंडरपास 15 मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसकी लिखित जानकारी चक्रधरपुर रेल मंडल के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर का बहुचर्चित अंडरपास यानी लो हाईट सब-वे का निर्माण कार्य पूरी तरह से 15 मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा।
यह लिखित जानकारी चक्रधरपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी डाॅ. ऋषभ सिन्हा ने समाजसेवी और आरटीआई एक्टीविस्ट सिर्मा देवगम को दी है। चक्रधरपुर के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी द्वारा समाजसेवी सिर्मा देवगम को प्रेषित किए गए पत्र का पत्रांक -SER/P-CKP/GRIEV/CPGRAMS/CS/2025 है।
इन्होंने अपने पत्र में कहा है कि चक्रधरपुर एनएच 75(ई) पर रेलवे ओवरब्रिज पर आवागमन शुरू हुआ। अंडरपास निर्माण कार्य चल रहा है जो 15 मार्च 2025 तक पूरा करा लिया जायेगा।
लिमरा कंस्ट्रक्शन बना रहा अंडरपास
बता दें कि समाजसेवी ने दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी को पत्र लिखकर शीघ्र रेलवे अंडरपास निर्माण पूरा कराने की मांग थी।
वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी को लिखे गए पत्र में सिर्मा देवगम ने कहा है कि डीएमएफटी फंड से रेलवे को राशि मिलने के 4 साल बाद भी अंडरपास निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं कराया गया है, जिस वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
अंडरपास निर्माण के लिये रेलवे ने लिमरा कंस्ट्रक्शन को जिम्मेदारी दी है। रेलवे व लिमरा कंस्ट्रक्शन की उदासीनता के कारण लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है। रेलवे ने आठ घंटे का मेगा ब्लॉक लेकर अंडर पास का निर्माण कर दिया है।
लेकिन अंडरपास को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण अब तक नहीं हो सका है। साथ ही अंडर पास में लाइटिंग की व्यवस्था भी नहीं की गई है।
डीएमएफटी फंड की राशि से बन रहे पीसीसी निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप
वहीं दूसरी ओर लातेहार में लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने सदर प्रखंड के परसही पंचायत में बन रहे पीसीसी पथ निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि डीएमएफटी फंड से लाखों रुपये की लागत से पीसीसी पथ निर्माण कराया जा रहा है।
लेकिन पीसीसी पथ निर्माण में संवेदक के द्वारा काफी अनियमिता बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि पीसीसी पथ निर्माण में बालू में मिट्टी का अंश है और इसके साथ ही लोकल छड़ी से ढलाई की जा रही है। वहीं साइड में एक बार भी विभाग के इंजीनियर के द्वारा पीसीसी पथ निर्माण की ढलाई को नहीं देखा गया है।
जिससे संवेदक के द्वारा गांव के एक बिचौलियों को काम देकर पीसीसी पथ का निर्माण करवाया जा रहा है। जिला परिषद सदस्य ने आगे बताया कि पीसीसी पथ निर्माण में मजदूरों को भी शोषण किया जा रहा है। सरकार के द्वारा निर्धारित मजदूरी भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
जिससे स्थानीय मजदूरों में नाराजगी देखी जा रही है। जिला परिषद सदस्य ने उपायुक्त से जांच कर संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
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