Murshidabad Violence: झारखंड में क्यों दिख रहा मुर्शिदाबाद हिंसा का असर? लोगों ने बताई अंदर की बात
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में नए वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़क उठी जिससे सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए और पलायन करने को मजबूर हो गए। झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहड़वा प्रखंड में भी इसका असर देखा जा रहा है जहां पीड़ित परिवार शरण लिए हुए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती के बाद स्थिति में सुधार हो रहा है लेकिन भविष्य की चिंता बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। Jharkhand News: बंगाल के मुर्शिदाबाद में नए वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा की आग ने सैकड़ों परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी है। धुलियान, रतनपुर, पुराना डाकबंगला सहित विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों लोग पलायन कर चुके हैं।
साहिबगंज के बरहड़वा प्रखंड के बंगाली पाड़ा, कालीतल्ला ,हाटपाड़ा , झिकटिया, चंडीपुर गांव में 40 से अधिक पीड़ित परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने के बाद स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन यह भी चिंता सता रही है कि जब केंद्रीय सुरक्षा बल हट जाएगा तो हमारी सुरक्षा कौन करेगा।
कारोबारी और मरीज भी परेशान
साहिबगंज के बरहड़वा प्रखंड क्षेत्र के लोगों का इलाज, दवाई, रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोसी राज्य बंगाल पर निर्भर हैं। बरहड़वा प्रखंड क्षेत्र के मरीज बेहतर इलाज के लिए बंगाल के फरक्का, धुलियान , ब्रह्रमपुर , मालदा , रामपुरहाट, बर्धमान व कोलकाता जाते हैं। ताजा हिंसा के बाद इस क्षेत्र के मरीज अपना इलाज के लिए बंगाल जाने का हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
कई लोगों ने बताया कि उनकी दवा खत्म हो गई है, जो स्थानीय बाजार में भी उपलब्ध नहीं है। मयूरकोला गांव निवासी फणि भूषण साहा बताते हैं कि मैं डायबिटीज समेत बीमारियों से पीड़ित हूं। मेरा इलाज चांदपुर धुलियान से चल रहा है। तीन दिन पहले दवाई खत्म हो गई है। डाक्टर को भी दिखाना है, लेकिन हिंसक घटना को देख जाने का हिम्मत नहीं हो रहा है।
धुलियान का बाजार बंद होने से बरहड़वा पर भी असर
बरहड़वा ,श्रीकुंड और कोटालपोखर बाजार का विभिन्न दुकानों में रोजमर्रा से लेकर खाद्य पदार्थ, सब्जी, आदि अन्य सामान बंगाल के धुलियान, बास्तापुर, नलहटी आदि अन्य स्थानों से मंगाए जाते हैं। आटा, चावल , सरसों तेल, धनिया ,गोलमिर्च, जीरा, हल्दी, चीनी, चायपत्ती, दाल सहित खरीद-बिक्री का सारा समान बंगाल से आता है।
इस क्षेत्र का सबसे नजदीकी बाजार धुलियान है। अधिकांश व्यापारी व दुकानदार धुलियान से मार्केटिंग करते हैं। इस हिंसक घटना के वाद से धुलियान का बाजार बंद है। कोई अप्रिय घटना न घट जाए इस डर से लोग बंगाल नहीं जा रहे हैं। दुकान का स्टाक भी खत्म हो रहा है।
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