Murshidabad Violence: हिंसाग्रस्त मुर्शिदाबाद में फिलहाल रहेगा केंद्रीय बल, भड़काऊ भाषण पर HC सख्त
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल कुछ समय के लिए मुर्शिदाबाद में तैनात रहेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने भाजपा टीएमसी और अन्य दलों के नेताओं को भड़काऊ भाषण नहीं देने का आदेश दिया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल कुछ समय के लिए मुर्शिदाबाद में रहेगा और अदालत पीडि़तों के पुनर्वास की निगरानी करेगी।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने भाजपा, टीएमसी और अन्य के दलों के नेताओं को भडक़ाऊ भाषण नहीं देने का आदेश दिया, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को हिंसा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की सुविधा के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया। इस समिति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे।
कई पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
राज्य पुलिस ने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और सुती पुलिस थानों के ओसी को हटा दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक इन दोनों पुलिस स्टेशनों पर उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी ही तैनात थे। इस बार वहां इंस्पेक्टर रैंक का एक अधिकारी लाया गया।
गुरुवार को सीआइडी मुख्यालय भवानी भवन से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आइसी रैंक के सुब्रत घोष को शमसेरगंज थाने का प्रभार सौंपा जा रहा है। सुब्रत इससे पहले पूर्व मेदिनीपुर के भूपतिनगर के सर्किल इंस्पेक्टर थे।
आइसी सुप्रियंजन माजी को सुती थाने का प्रभार सौंपा गया। वह पूर्व बद्र्धमान में सदर ट्रैफिक गार्ड के आइसी थे। शिवप्रसाद घोष और बिजन राय लंबे समय तक शमसेरगंज और सुती पुलिस स्टेशनों के ओसी रहे। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों को जिला पुलिस लाइन भेज दिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।