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    'रेल गेट खुला हुआ है भेजिए गाड़ी...' पत्थर माफियों ने अधिकारियों पर नजर रखने को बनाया वाट्सएप ग्रुप, पल-पल रहते हैं अपडेट

    Updated: Tue, 20 Feb 2024 01:45 PM (IST)

    झारखंड में पत्थर माफियों ने पुलिस व प्रशासन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसमें पल-पल की अपडेट दी जाती है। यह ग्रुप जिले के कोटालपोखर तथा पाकुड़ के हिरणपुर आदि क्षेत्र में अवैध परिवहन को संचालित करने के लिए बनाया गया था जिसमें 39 सदस्‍य हैं। इसमें दी गई सूचना से अवैध खनन व परिवहन में शामिल लोग सतर्क हो जाते हैं।

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    झारखंड में पत्थर माफियों ने बनाया एक वाट्सएप ग्रुप।

    जाटी, बरहड़वा/साहिबगंज। छोटा बाबू की गाड़ी थाना गया....। बरहड़वा-हरिहरा तरफ का कोई है तो खबर दीजिए....। सफाराम तरफ कौन है...। बरहड़वा तरफ की खबर अपडेट कीजिए जो कोई भी है...। कालीदासपुर में दो गाड़ी आफिसर आया हुआ है- ट्रैक्टर और बड़ा गाड़ी पकड़ा है...। कहां है अंश तुम। जियाजोरी-महारो-शीतपहाड़ी का खबर कोई बताए। बड़ा बाबू का कोई खबर है तो बताइएगा। बड़ा बाबू की गाड़ी थाना के अंदर है लेकिन वह कहां है कोई पता नहीं है। हिरणपुर-बरमसिया-जियाजोरी-शीतपहाड़ी कालिंग...। रेल गेट पर कौन है...। रेल गेट खुला हुआ है भेजिए गाड़ी...।

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    पुलिस की गतिविधि के बारे में साथियों को किया जाता अपडेट

    यह वाॅयसचैट जिले में कोटालपोखर नामक वाट्सएप ग्रुप का है। दरअसल, यह ग्रुप जिले के कोटालपोखर तथा पाकुड़ के हिरणपुर आदि क्षेत्र में अवैध परिवहन को संचालित करने के लिए बनाया गया था। इस ग्रुप में 39 सदस्य शामिल थे जो रात में विभिन्न जगहों पर तैनात रहते थे तथा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की गतिविधि के बारे में अपने सदस्यों को अपडेट करते रहते थे। किसी भी अधिकारी के निकलने पर तुरंत इसमें सूचना डाल दी जाती थी और अवैध खनन व परिवहन में शामिल लोग सतर्क हो जाते थे।

    पिछले दिनों बरहड़वा एसडीपीओ मंगल सिंह जामुदा को इस ग्रुप के बारे में सूचना मिली जिसके बाद पूरे मामले का उद्भेदन हुआ। इसके बाद एएसआइ विद्यानंद महतो के बयान पर कोटालपोखर थाना में उक्त वाट्सएप ग्रुप के एडमिन सहित कुल 39 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

    इस ग्रुप में साहिबगंज, पाकुड़ और पश्चिम बंगाल के पत्थर माफिया जुड़े हुए थे। इसमें मनीरूल इस्लाम, वसीम अकरम, अमन, मुकेश, सागर, नारायण, इमरान, मोतहार, मुसारफ, मोदा हाजी, साहदुल, मो. हसन, माहफुज जैसे नाम व वायस चैट हैं। उनकी धड़पकड़ को छापेमारी की जा रही है।

    कोटालपोखर में चार चेकनाका

    अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए कोटालपोखर थाना क्षेत्र में चार चेकनाका स्थापित किया गया है। इसमें कोटालपोखर-हिरणपुर मुख्य पथ पर चौंवरा मोड़, कोटालपोखर-फरक्का मुख्य पथ पर रहीमटांड़, जीवनपुर एवं विजयपुर में चेकनाका स्थापित किया गया है। माइनिंग चालान की जांच के लिए रोटेशन पर 24 घंटे दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके बाद भी भी प्रतिदिन बिना माइनिंग चालान के सैकड़ों गाड़ियां झारखंड से पश्चिम बंगाल भेजी जा रही है।

    बताया जाता है कि वहां तैनात पुलिस कर्मी दंडाधिकारी की मिलीभगत इस कार्य को अंजाम दिया जाता है। कई बार इस पर लोगों ने सवाल उठाया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई। डीएमओ व राजमहल एसडीओ भी कई बार यह स्वीकार कर चुके हैं कि उन लोगों पर नजर रखने के लिए जहां तहां लोगों को तैनात किया गया है जिससे वह लोग जब निकलते हैं तो इसकी सूचना माफिया को मिल जाती है और वह सतर्क हो जाते हैं। उधर, मिर्जाचौकी चेकनाका के पास सोमवार की शाम वीडियो बनाते हुए पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा था। बाद में पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया।

    कोटालपोखर में कुछ लोगों द्वारा एक वाट्सएप ग्रुप संचालित करने की जानकारी मिली है। इसके माध्यम से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। प्राथमिकी दर्ज कर उसकी जांच की जा रही है। दोषियों पर निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई होगी- कुमार गौरव, एसपी, साहिबगंज।

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