Jharkhand News: कब बंगला खाली करेंगे सुदेश महतो? हेमंत सरकार ने दे दी अंतिम चेतावनी
झारखंड सरकार ने आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है। बार-बार रिमाइंडर के बावजूद अभी तक कांके रोड स्थित वीवीआईपी क्षेत्र का बंगला नंबर-पांच अभी तक खाली नहीं कराया जा सका है। विभाग ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास का पुनर्निर्माण होने तक इसे मुख्यमंत्री का सरकारी आवास सह आवासीय कार्यालय घोषित किया है।
प्रदीप सिंह, रांची। आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो के सरकारी आवास खाली करने का इंतजार राज्य सरकार को है। बार-बार रिमाइंडर के बावजूद अभी तक कांके रोड स्थित वीवीआइपी क्षेत्र का बंगला नंबर-पांच अभी तक खाली नहीं कराया जा सका है।
लगभग 15 वर्ष पूर्व इसे आजसू प्रमुख सुदेश महतो को आवंटित किया गया था। सुदेश महतो अलग-अलग अवधि में राज्य सरकार के मंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री तक का दायित्व संभाल चुके हैं।
अपने इस आवास से वे पार्टी की गतिविधियां भी संचालित करते हैं। पिछले वर्ष संपन्न विधानसभा चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। लिहाजा मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए निर्मित इस आवास को खाली करने का नोटिस भवन निर्माण विभाग ने उन्हें प्रेषित किया।
पहली नोटिस 18 दिसंबर 2024 को विभाग की ओर से अवर सचिव घरशोभित पंडित द्वारा प्रेषित की गई। जानकारी के मुताबिक इस बीच उन्हें आवास खाली कराने के लिए अन्य रिमाइंडर भी भेजे गए।
विभाग के मुताबिक आखिरी रिमाइंडर की अवधि भी बीते 15 मार्च को समाप्त हो चुकी है। लेकिन सुदेश महतो के स्तर से आवास खाली करने की पहल नहीं की गई।
रिमाइंडर में यह भी उल्लेख है कि अधिसूचित सरकारी आवास आवंटन किराया वसूली एवं बेदखली नियमावली -2004 के आलोक में उक्त भवन की आवंटन अवधि समाप्त हो चुकी है।
बंगले को घोषित किया गया है सीएम आवास सह आवासीय कार्यालय
कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग, भवन प्रमंडल एक, रांची ने 10 दिसंबर 2024 को अधिसूचित किया है कि मुख्यमंत्री आवास सह आवासीय कार्यालय भवन एवं परिसर का पुनर्निर्माण किया जाना है।
योजना के कार्यान्वयन के पहले वर्तमान में कार्यरत मुख्यमंत्री का आवासीय कार्यालय एवं अन्य को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य भवन में स्थानांतरित किया जाना है।
ऐसे में इस भवन के करीब स्थित आवास संख्या-पांच, कांके रोड को उपयुक्त मानते हुए अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय के रूप में आवंटित किए जाने का सुझाव दिया गया है।
विभाग ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास का पुनर्निर्माण होने तक इसे मुख्यमंत्री का सरकारी आवास सह आवासीय कार्यालय घोषित किया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया था। इसके साथ ही आवंटित आवास से संबंधित पहले के आदेश को तत्काल प्रभाव से रद भी किया जा चुका है।
इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय समेत तमाम उच्चाधिकारियों एवं संबंधित पदाधिकारियों को प्रेषित की गई है।
अब आवास खाली करने को बढ़ेगा दबाव
जानकारी के मुताबिक बार-बार रिमाइंडर के बावजूद बंगला खाली नहीं करने को भवन निर्माण विभाग ने गंभीरता से लिया है। ऐसे में आजसू प्रमुख सुदेश महतो पर इसे खाली करने का दबाव आने वाले दिनों में बढ़ेगा। सामान्य पत्राचार और निर्देश के बावजूद इसे खाली नहीं करने की स्थिति में अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
हालांकि बताया जा रहा है कि राजनीतिक चुनौतियों से घिरे सुदेश महतो जल्द ही इसपर निर्णय लेकर बंगला खाली करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं, ताकि सरकार द्वारा प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई की नौबत नहीं आए।
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