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    Railway Ticket Scam: घोटाले के बाद रेल प्रशासन अलर्ट, अब हर 15 दिन पर हो रहा ये काम

    पलामू में रेलवे टिकट घोटाले के बाद रेल प्रशासन सतर्क हो गया है। धनबाद रेल मंडल के प्रत्येक स्टेशन पर टिकट बिक्री से होने वाली राशि का बैंक डेटा से मिलान किया जा रहा है। अधिकारी हर 15 दिनों में बैंकों में जाकर जमा राशि का सत्यापन कर रहे हैं। पलामू गढ़वा और लातेहार में पहले भी रेल टिकट घोटाले पकड़े गए थे जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

    By Sachidanand Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 21 Apr 2025 04:20 PM (IST)
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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेलवे मंडल में रेलवे टिकट घोटाला पकड़े जाने के बाद से रेल प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। हर 15 दिनों पर रेलवे मंडल के प्रत्येक स्टेशन से रेलवे टिकट से होने वाले बिक्री की राशि का बैंक खाता के डेटा का मिलान किया जाता है।

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    हर 15 दिनों पर रेलवे के अधिकारी संबंधित रेलवे स्टेशन से संबंधित बैंकों में जाते हैं। जहां वे बैंक खाता में जमा राशि और टिकट बिक्री से प्राप्त राशि का मिलान कर सत्यापन करते हैं।

    सीटीआई विकास कुमार बताते हैं कि हर 15 दिनों पर पूरे धनबाद रेल मंडल के सभी स्टेशनों से टिकट बिक्री से होने वाली राशि का बैंक खाता के डेटा का मिलान किया जाता है और उस पर निगरानी रखी जाती है।

    दरअसल, रेलवे के टिकट बिक्री का पैसा बैंक खातों में जमा होती है। पलामू, गढ़वा समेत पूरे धनबाद रेल मंडल में रेलवे के टिकट बिक्री का रुपया बैंक में जमा करने के लिए अलग-अलग एजेंसी कार्यरत है।

    एजेंसी के लोग स्टेशन से रकम उठाते हैं और रेलवे के बैंक खाता में जमा करते हैं। जिसका रेलवे के अधिकारी हर 15 दिनों पर संबंधित रेलवे स्टेशन से संबंधित बैंकों में जाते हैं। जहां वे बैंक खाता में जमा राशि और टिकट बिक्री से प्राप्त राशि का मिलान कर सत्यापन करते हैं।

    पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में हुआ था रेल टिकट घोटाला

    पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन में पलामू, गढ़वा और लातेहार में रेल टिकट घोटाला पकड़ा गया था। रेल टिकट घोटाले के पूरे मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। बैंक में राशि जमा करने के लिए कार्यरत एजेंसी ने रकम जमा करवाने के लिए कुछ लोगों को नौकरी पर रखा था।

    नौकरी पर रखे गए लोगों को बाइकर्स कहा जाता है। यही बाइकर्स टिकट के रकम को लेकर भाग गए थे। गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख रुपये, रमना में एक लाख रुपये, गढ़वा टाउन में 46 लाख रुपये, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख रुपये और पलामू के डॉल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपये का घोटाला बाइकर्स ने किया है।

    बाइकर्स ने घोटाला के लिए फर्जी बैंक वाउचर को भी तैयार किया था, लेकिन साल 2023 में रेलवे का इंटरनल आडिट में यह घोटाला पकड़ा गया था। जिसके आधार पर अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।

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