रांची में कोरोना की डराने वाली स्थिति, वैक्सीन लेने वाले 50 प्रतिशत से भी कम, इधर सप्लाई भी हुई बंद
रांची में 50 प्रतिशत से भी कम लोगों ने कोरोना के खिलाफ सारे डोज लिए हैं और इधर ग्रामीण और शहरी सेंटर में सिर्फ कोवैक्सीन ही उपलब्ध है। अब चूंकि वैक्स ...और पढ़ें

जासं, रांची। कोरोना के वापस लौटने के बाद चीन में इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है। वहां लाखों लोगों के संक्रमित होने के बाद देश में इससे बचाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। रांची जिले में भी इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। अस्पतालों में बेड, दवा, आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच सुरक्षित रहने के लिए सबसे पहले कोविड वैक्सीन की डोज लेने की सलाह व सुझाव दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि अभी तक वैक्सीन की दूसरी और तीसरी या बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या 50 प्रतिशत भी नहीं है। सबसे बुरा हाल तो 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का है, पहली डोज लेने वाली संख्या 54 प्रतिशत है, जबकि दूसरी 28 प्रतिशत के बाद रुक गया है। इनकी वैक्सीन कई माह से नहीं आ रही है।
पहली डोज सिर्फ 18 से अधिक उम्र के लोगों में सफल
जबकि बड़ों की डोज की बात की जाए तो 15 से 17 आयु वर्ग में दूसरी डोज 39 प्रतिशत ही हो पायी है। इसमें पहली डोज भी शत प्रतिशत नहीं है, अभी तक पहली डोज 65 प्रतिशत ही है। हालांकि 18 से ऊपर आयु वर्ग में पहली डोज काफी सफल रही है, इस वर्ग में 109 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है, लेकिन दूसरी डोज आज तक 77 प्रतिशत पर ही रुका हुआ है। जबकि तीसरी डोज सभी वर्ग में 50 प्रतिशत से भी कम है।
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वैक्सीनेशन सेंटर पर रोज लौट रहे हैं लोग
वैक्सीनेशन सेंटर पर रोज सैकड़ों लोग मायूस होकर लौट रहे हैं। यहां पर लोगों को सिर्फ एक ही कोवैक्सीन मिल रही है। बच्चों को सेंटर में किसी प्रकार की डोज ही नहीं मिल रही है। कोर्बिवैक्स वैक्सीन की सप्लाई बंद है। जिले के डीआरसीएचओ डा असीम कुमार मांझी बताते हैं कि वैक्सीन की सप्लाई ही बंद है, जिस कारण नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा कोविशील्ड वैक्सीन भी नहीं मिल रही है। इस वजह से दूसरी से लेकर तीसरी डोज तक लोगों को नहीं मिल रही है। अब नए वर्ष में ही वैक्सीन मिलने की उम्मीद है।
आज से बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन में होगी जांच
रविवार को एयरपोर्ट और सदर अस्पताल से 30 कोरोना संदिग्ध के सैंपल लिए गए। वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि उन्हीं का सैंपल लिया जा रहा है, जिनका थर्मल स्कैनिंग में शरीर का तापमान अधिक दिख रहा है। ऐसे लोगों की रैंडम सैंपलिंग की जा रही है, ताकि उनके बारे में पता चल सके। इसके बाद अगर रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो उन्हें अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनके संपर्क में आने वालों का भी सैंपल लिया जाएगा।
वहीं, सोमवार से बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन में भी जांच शुरू कर दी जाएगी। टीम की कमी की वजह से जांच शुरू नहीं की जा सकी है। एयरपोर्ट व सदर में जांच की जा रही है। लेकिन अब जांच टीम तैयार कर ली गई है। एयरपोर्ट में दो टीम दो शिफ्ट में काम करेगी। सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दिया गया है, जिसके बाद लोगों से मास्क पहनने और भीड़ से बचने की सलाह दी जा रही है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 20 प्रतिशत तक कम हो गए सेंटर
वैक्सीन नहीं मिलने की वजह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से वैक्सीन सेंटर में 20 प्रतिशत की कमी आयी है। इन वैक्सीन में कोविशल्ड और कोर्बिवैक्स वैक्सीन नहीं मिल रहा है। जबकि कोवैक्सीन की डोज भी काफी कम है। अभी कोवैक्सीन की पांच से छह हजार डोज बची है। अगर यह डोज समय रहते नहीं उपयोग में लाया गया तो इसमें से आधी डोज 31 दिसंबर तक एक्सपायर हो जाएगी। जबकि आधी डोज 31 जनवरी 2023 को समाप्त हो रही है। अभी शहरी क्षेत्र में 42 केंद्र बनाए गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 14 केंद्र है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति
शहरी क्षेत्र के 42 केंद्र में सिर्फ 18 वर्ष से अधिक वर्ष के लोगों को ही वैक्सीन मिलेगी। रिम्स और एमएच नामकुम सेंटर में नहीं मिलेगी वैक्सीन। इन शहरी केंद्रो में सिर्फ कोवैक्सीन की कुल 3140 पहली, दूसरी व बूस्टर डोज की ही व्यवस्था है। ग्रामीण क्षेत्र के इन 14 केंद्र में सिर्फ 15-17 वर्ष के किशोरों को मिलेगी वैक्सीन। ग्रामीण स्कूलों में सिर्फ कोवैक्सीन की कुल 1720 पहली व दूसरी डोज की ही व्यवस्था है।

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