अब राहुल गांधी को झारखंड बुलाएंगे सालखन मुर्मू
अगर राहुल गांधी इस रैली में शामिल होते हैं तो सेंगेल अभियान के आंदोलन को बल मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन संबंधी मुद्दों समेत आदिवासी हितों को लेकर मुखर पूर्व सांसद सालखन मुर्मू अपना राजनीतिक अभियान लगातार बढ़ा रहे हैं। उनकी मंशा सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक के खिलाफ तेज हो रही आवाज को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने की है। इसमें उन्हें आरंभिक सफलता भी मिल चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में रांची में हुई उनकी एक रैली में शिरकत कर चुके हैं। आदिवासी सेंगेल अभियान के अगुआ ने अब कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी रैली में बुलाने की तैयारी की है। यह रैली सात सितंबर को प्रस्तावित है।
रैली को असरदार बनाने के लिए उन्होंने सात जुलाई की रैली स्थगित कर दी है। अगर राहुल गांधी इस रैली में शामिल होते हैं तो सेंगेल अभियान के आंदोलन को जहां बल मिलेगा वहीं राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे विपक्षी दल एक साथ आने को भी आतुर होंगे। रैली में राहुल गांधी की मौजूदगी से झारखंड के सर्वाधिक ज्वलंत मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। बताते चलें कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की कवायद के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ भाजपा के भीतर भी विरोध के स्वर हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा जहां खुलकर इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वहीं पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कडि़या मुंडा के स्वर भी तल्ख हैं। दोनों कद्दावर नेताओं ने इसे आदिवासियों के अस्तित्व से भी जोड़ा है। भाजपानीत गठबंधन सरकार में शामिल आजसू पार्टी समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले का मुखर होकर विरोध कर रहे हैं। फिलहाल इस मसले ने झारखंड के तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर जुटने का भी माहौल तैयार किया है।
भारी भीड़ उमड़ रही घेराव में
आदिवासी सेंगेल अभियान के माध्यम से फिलहाल आदिवासी विधायकों का आवास घेरने का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर लोग जुट रहे हैं। विमला प्रधान और एनोस एक्का के आवास के घेराव के दौरान इसकी बानगी देखने को मिली।
योजनाबद्ध तरीके से कर रहे काम
दरअसल आदिवासी सेंगेल अभियान के मार्फत पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने सधी रणनीति बनाई है। वे आदिवासी-मूलवासी शहीदों का सम्मान देने के लिए वीर माटी लोटा कार्यक्रम का आयोजन भी कर रहे हैं। जिसके तहत शहीद के गांव की मिट्टी को आदिवासी बहुल गांवों में घुमाया जा रहा है। आगामी दो माह में इस कार्यक्रम से एक लाख आदिवासियों को जोड़ने की योजना है।
इस बीच, अभियान की तरफ से 21 जून को बोकारो, 23 जून को सिमडेगा के जामपानी, 24-25 जून को गुमला के महुआडांड़ व राजावाल और 26 जून को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में जनसभाओं का आयोजन किया गया है। दो जुलाई को अभियान से जुड़े जन संगठनों की रांची में संयुक्त बैठक भी बुलाई गई है।
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