जूनियर डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में RIMS, ड्यूटी छोड़ कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस; दोनों जगहों से ले रहे सैलरी
RIMS Ranchi झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स अब अपने यहां के जूनियर डॉक्टरों पर नकेल कसपने के लिए तैयार हैं जो अपनी ड्यूटी के वक्त अस्पताल से गायब रहते हैं और निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करते हैं। इस तरह से ये दोनों जगहों से वेतन उठा रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों की पहचान कर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स अस्पताल में एक ओर सीनियर डाॅक्टरों की निजी प्रैक्टिस को रोकने के लिए प्रबंधन कई स्तर पर तैयारी कर रहा है। इसी बीच अब कई जूनियर डाॅक्टरों के निजी अस्पतालों में काम करने की शिकायत मिली है।
दोनों जगहों से वेतन उठा रहे हैं डॉक्टर
प्रबंधन को मिली शिकायत के अनुसार, रिम्स में ड्यूटी के वक्त कई जूनियर डाॅक्टर गायब रहते हैं और उनकी जगह दूसरे डाॅक्टर काम करते हैं। इस बीच ये जूनियर डाॅक्टर दूसरे निजी अस्पतालों में जाकर मरीजों का इलाज करते हैं और इसके लिए वहां से मोटी रकम वसूलते हैं।
निदेशक डा. राजकुमार ने बताया कि ये डाॅक्टर दोनों जगहों से वेतन उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी इन डाॅक्टरों का सीखने का समय है। लेकिन वे पैसा कमाने में लग गए हैं। उन्होंने कहा कि पता लगने पर ऐसे डाक्टर पर वे कड़ी कार्रवाई करेंगे।
चिन्हित करने के लिए बनाई गई है टीम
ऐसे डाक्टरों को चिन्हित करने के लिए प्रबंधन ने टीम और पकड़ने के लिए रणनीति बनायी गई है। ड्यूटी आवर में अनुपस्थित पाए जाने पर टीम हरकत में आएगी और अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट करेगी।
निदेशक के अनुसार प्रबंधन रिम्स में आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डाक्टरों को नियमों के अंदर काम करना होगा। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो दूसरी बहाली की जाएगी।
जूनियर डाक्टरों को नेम प्लेट लगे एप्रन में रहने का निर्देश
रिम्स प्रबंधन ने सभी जूनियर डाक्टरों को आइकार्ड सहित नेम प्लेट के साथ एप्रन पहना अनिवार्य किया है। पकड़े जाने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी गई है। निदेशक ने बताया कि इसके गलत तरह से ड्यूटी करने वाले जूनियर डाक्टरों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
मालूम हो कि इससे पहले भी प्रबंधन ने जूनियर डाक्टरों की मनमानी देखते हुए कड़े निर्देश दिए थे, जिसके बाद कुछ जूनियर डाक्टरों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था, लेकिन विरोध का कोई स्पष्ट जवाब इनके पास नहीं था।
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