आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत, हाई कोर्ट ने पीड़क कार्रवाई पर लगाई रोक
झारखंड हाई कोर्ट से आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अंतरिम राहत। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में मुख्यमंत्री के खिलाफ पीड़क कार्यवाही का रोक लगा दी है। मामले में अदालत ने सरकार से जवाब तलब किया है। अब अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी। साल 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रिट पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए उन्हें अंतरिम राहत दी है। न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की अदालत में इसकी सुनवाई चल रही थी। मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की गई है, जिसमें पूर्व राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
चुनाव प्रचार के दौरान सीएम पर लगे थे आरोप
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गए थे। उस दौरान उन पर आचार संहिता उलंघन करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पूर्वी सिंहभूम जिले की निचली अदालत में इसकी सुनवाई चल रही थी। उन्होंने इस कार्रवाई पर रोक लगाने और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल की थी।
यह भी पढ़ें: शराबी पति से तलाक पत्नी से नहीं हुआ बर्दाश्त, दुपट्टे से फांसी लगाक दे दी जान, शादी के बाद से शौहर करता था मारपीट
इन धाराओं के तहत सीएम बनाए गए थे आरोपित
इस मामले में मुख्यमंत्री को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188,506 और RP एक्ट (रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट) के तहत दोषी बनाया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के लिए कोर्ट का यह फैसला मुश्किल घड़ी में कुछ राहत मिलने जैसा है।
इन दिनों ईडी के समन के खिलाफ उनकी याचिका पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर बाद में हाई कोर्ट से खारिज हो जाने के बाद से वह कुछ परेशान हैं। ऐसे में अब उनका अगला कदम क्या है इस पर जनता की निगाहें टिकी हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।