किसान का बेटा बना पुलिस अफसर, JPSC में 46वां रैंक लाकर मिली DSP की पोस्ट
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) 2023 में नीलांबर-पीतांबरपुर के ओरिया गांव के उज्ज्वल कुमार (रैंक 46) और सुरभि कुमारी (रैंक 73) ने सफलता हासिल की। किसान के बेटे उज्ज्वल डीएसपी बनेंगे। उज्ज्वल ने अमेरिका में नौकरी छोड़कर जेपीएससी की तैयारी की। गांव और परिवार में खुशी की लहर है और उन्हें बधाईयां मिल रही हैं।

संवाद सूत्र, नीलांबर-पीतांबरपुर (पलामू)। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित होते ही प्रखंड के ओरिया गांव से दो प्रतिभाओं ने सफलता की नई कहानी लिखी है। इनमें एक नाम दीपक कुमार मेहता के पुत्र उज्ज्वल कुमार का है, जिन्होंने 46वां रैंक हासिल कर पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद के लिए चयनित होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
उज्जवल के साथ ही कुमार चंद्रशेखर (वर्तमान में दुमका के जेल अधीक्षक) की पुत्री सुरभि कुमारी ने भी इस परीक्षा में 73वां रैंक प्राप्त कर प्रखंड को गौरवांवित किया है।
मेहनत, लगन और संघर्ष की कहानी है उज्जवल की सफलता
किसान परिवार से आने वाले उज्जवल कुमार के पिता दीपक कुमार पेशे से किसान हैं। उज्ज्वल की प्रारंभिक पढ़ाई ओरिया गांव स्थित किसान उच्च विद्यालय से हुई। वर्ष 2008 में मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद वे रांची चले गए, जहां उन्होंने टेंडर हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद उज्जवल ने कोलकाता स्थित इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी से वर्ष 2014 में मेरीन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वर्ष 2016 से 2020 तक अमेरिका में शिप मेरीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मेरीन इंजीनियर ऑफिसर के पद पर कार्यरत रहे, लेकिन उनका लक्ष्य बड़ा था।
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वर्ष 2021 में नौकरी से त्यागपत्र देकर उन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग की तैयारी शुरू की। पहली बार 2021 की परीक्षा में मेंस तक पहुंचे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने दुगनी मेहनत के साथ जेपीएससी 2023 की तैयारी की और शानदार सफलता हासिल की।
गांव से लेकर जिला स्तर तक खुशी की लहर
पांकी विधायक डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता के विधायक प्रतिनिधि प्रकाश मेहता के भतीजे उज्जवल की इस सफलता से पूरा गांव, प्रखंड और जिला गौरवान्वित है। प्रकाश मेहता ने बताया कि उज्जवल शुरू से ही मेधावी और मेहनती छात्र रहा है। उसने मैट्रिक परीक्षा में गणित में 100 में 100 अंक प्राप्त किए थे।
उन्होंने कहा कि उज्ज्वल की सफलता से यह साबित होता है कि संघर्ष और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। उज्ज्वल की इस सफलता पर परिवार, रिश्तेदारों, शिक्षकों और ग्रामीणों ने उन्हें बधाई दी है। उनके संघर्ष और उपलब्धि ने न सिर्फ उनके गांव को गौरवान्वित किया है, बल्कि उन्होंने हर उस विद्यार्थी को प्रेरणा दी है जो सीमित संसाधनों के बीच बड़े सपने देखता है।
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