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    Ranchi News: 'आतंकी फंडिंग से लेकर रिश्वत कांड तक', CBI की जाल में ऐसे फंस गया आरके कंस्ट्रक्शन

    Updated: Wed, 26 Mar 2025 01:46 PM (IST)

    Ranchi News रामकृपाल कंस्ट्रक्शन फिर से विवादों में है जो झारखंड विधानसभा और उच्च न्यायालय सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण कर चुकी है। कंपनी पर टेरर फंडिंग और रिश्वत कांड जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। हाल ही में सीबीआई ने कंपनी के महाप्रबंधक सुरेश महापात्र और दो अन्य कर्मियों को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई आगे और भी राज उगलवा सकती है।

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    राम कृपाल कंस्ट्रक्शन पर सीबीआई का शिकंजा (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Ranchi News: झारखंड विधानसभा, झारखंड उच्च न्यायालय सहित कई महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण करने वाली रामकृपाल कंस्ट्रक्शन फिर से विवादों में है। टेरर फंडिंग से लेकर रिश्वत कांड तक के विवादों में यह कंस्ट्रक्शन कंपनी है। पिछले दिनों सीबीआइ ने एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय पटना के महाप्रबंधक राम प्रीत पासवान को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।

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    महाप्रबंधक सुरेश महापात्र को भी गिरफ्तार किया

    उक्त राशि रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन (आरके कंस्ट्रक्शन) प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक सुरेश महापात्र दे रहे थे। सीबीआइ ने आरके कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक सुरेश महापात्र को भी गिरफ्तार किया। इसके अलावा आरके कंस्ट्रक्शन के दो अन्य कर्मी बरुण कुमार व चेतन कुमार को भी पकड़ा।

    सीबीआइ ने आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी व एनएचएआइ के पदाधिकारियों-कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की और छापेमारी में 1.18 करोड़ रुपये जब्त भी किया था। 

    नक्सलियों को 6 लाख रुपये देने जा रहा था रामकृपाल कंस्ट्रक्शन का कर्मचारी

    लेवी के रुपयों के साथ पकड़ा गया था आरके का कर्मी गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से 21 जनवरी 2018 को मनोज कुमार को छह लाख रुपये व संदिग्ध दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया था। मनोज कुमार रामकृपाल सिंह कंट्रक्शन कंपनी का कर्मी था।

    इस मामले में डुमरी थाने में 22 जनवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उस वक्त झारखंड पुलिस को छानबीन में जानकारी मिली थी कि मनोज कुमार के पास से बरामद उक्त राशि ठेकेदारों से माओवादियों के नाम पर उठाए गए लेवी से संबंधित थी।

    गिरफ्तार मनोज ने स्वीकारा था कि वह माओवादियों के रीजनल कमेटी सदस्य कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश के लिए लेवी वसूलता था। 

    एनआईए ने केस को टेकओवर कर किया बड़ा खुलासा

    एनआइए ने डुमरी थाने में दर्ज केस को टेकओवर करते हुए नौ जुलाई 2018 को टेकओवर करते हुए केस रजिस्टर्ड किया था। इसके एनआइए ने मनोज कुमार के अलावा माओवादी रीजनल कमांडर कृष्णा हांसदा को भी आरोपित बनाया था।

    एनआईए ने ही अनुसंधान में खुलासा किया था कि मनोज कुमार रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का कर्मचारी था। उसका मूल काम माओवादियों व ठेकेदारों बीच समन्वय का काम करता था। वह माओवादियों के रीजनल कमांडर कृष्णा हांसदा के लिए ठेकेदारों से लेवी वसूलता था।

    बरामद छह लाख रुपये लेवी के थे, जिसे वह माओवादियों तक पहुंचाने जा रहा था कि पकड़ा गया था। इस खुलासे के बाद एनआइए ने जून 2020 में रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी के कचहरी रोड के पंचवटी प्लाजा स्थित दफ्तर में भी छापेमारी की थी। 

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