Maiya Samman Yojana: तो इसलिए मंईयां सम्मान योजना का पैसा नहीं आ रहा, अधिकारी ने बताई अंदर की एक-एक बात
मंईयां सम्मान योजना को लेकर महिलाओं की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाएं सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही हैं। वहीं कुछ महिलाएं रोज संबंधित दफ्तर का चक्कर काट रही हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें तीन किस्त का पैसा तो मिल गया लेकिन अब आगे की किस्त का पैसा नहीं मिल रहा है। महिलाएं इसमें सरकार की गलती बता रही हैं।
संवाद सूत्र, बसिया(गुमला)। Jharkhand News: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि जिन लाभुकों के खाते में गई है, वे तो बहुत खुश हैं। वहीं, दूसरी ओर अभी तक जिनके खाते में राशि नहीं पहुंची है, वे काफी परेशान हैं।
ऐसी महिलाओं की भीड़ बसिया प्रखंड कार्यालय में देखी जा रही है। वे जानकारी लेने को आतुर हैं कि आखिर उनके खाते में राशि अभी तक क्यों नहीं आई। उनके आवेदन या बैंक खाते में कहीं कोई त्रुटि तो नहीं या अगर सबकुछ ठीक है तो फिर कब तक राशि प्राप्त होगी।
खास कर होली के बाद प्रखंड कार्यालय में महिलाओं की लंबी कतार लग रही है। कई कठिनाई के समना करते हुए दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से महिलाएं मुख्यालय पहुंच रही हैं।प्रखंड में कुल लगभग 17 हजार 7 सौ आवेदन आए थे।जिसमें 4 हजार 7 सौ डिलीट हो गई है।वहीं लगभग पांच हजार पेंडिंग है।
बीडीओ बोलीं- लोगों की इस गलती की वजह से नहीं आ रहा पैसा
बीडीओ सुप्रिया भगत ने बताया कि आखिर किस वजह से लाभुकों का पैसा अटका पड़ा है। उन्होंने कहा कि वैसे लाभुक जिनका आधार, मोबाईल नंबर और बैंक खाता से लिंकेज नहीं है। जिनका राशनकार्ड में दर्ज नाम,आधार कार्ड में दर्ज नाम में त्रुटि है एवं राशनकार्ड से आधार संख्या लिंकेज नहीं है। राशन कार्ड का केवाईसी नहीं कराएं हैं ऐसे लोग लाभ से वंचित हुए हैं।
बीडीओ ने बताया कि वैसे लाभुक जिनका सभी दस्तावेज सही है वे मईया सम्मानजन योजना का निबंधन संख्या के साथ सभी सही दस्तावेज लेकर प्रखंड कार्यालय में सुधार करवा सकते हैं। बीडीओ ने सभी राशनकार्ड लाभुकों को 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से केवाईसी करवाने की है।
जिन राशन कार्ड लाभुकों का केवाइसी के दौरान फिंगर रीड नहीं करता है वे प्रखंड कार्यालय में 21 मार्च से समय दो बजे से आइरिस मशीन से केवाईसी करवा सकते हैं।
जमशेदपुर के कई गांवों में महिलाएं परेशान
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, पटमदा और बोड़ाम में विवादों में घिरती नजर आ रही है। हजारों महिलाओं को जनवरी से मार्च तक की 7500 रुपये की एकमुश्त किश्त नहीं मिली है, जिससे उनके चेहरे पर निराशा छा गई है।
गुरुवार को बोड़ाम बैंक के बाहर एक बीसी सेंटर पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई, जो अपनी पासबुक और आधार कार्ड के साथ अपनी किश्त की स्थिति जानने के लिए उत्सुक थीं। कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले तो योजना का लाभ मिला, लेकिन इस बार राशि उनके खाते में नहीं आई है।
निराशा से भरी आवाज में सुमित्रा देवी ने कहा 'हमने सोचा था कि इस पैसे से घर के कुछ काम हो जाएंगे, पर अब तो सब अधूरा लग रहा है,'। वहीं, राधा कुमारी ने बताया कि उन्होंने इस राशि से छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई थी, जो अब अधर में लटक गई है।
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