Civil Services Success Story: आंख नहीं है तो क्या, सपना देखना और उसे पूरा करने से किसने है रोका
तीन नेत्रहीन अभ्यर्थियों समेत कई दिव्यांगजनों ने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर मिसाल कायम की है। अनिल कुमार चौधरी शंभु लाल प्रसाद और अताबुद्दीन अंसारी का चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ है। वहीं रौशन कुमार को राज्य वित्त सेवा में सफलता मिली है। रोहित कुमार जो ऑटिज्म से ग्रसित हैं उन्होंने भी सफलता प्राप्त की है।

राज्य ब्यूरो, रांची। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। सपने को पूरा करने में शारीरिक कमियां भी बाधा नहीं बनतीं। इसे साबित किया है तीन नेत्रहीन अभ्यर्थियों ने, जिन्होंने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपना परचम लहराया है।
सबसे बड़ी बात यह कि इनमें दो अभ्यर्थियों का चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ है। इनमें अनिल कुमार चौधरी तथा शंभु लाल प्रसाद सम्मिलित हैं। अनिल कुमार चौधरी और पिछड़ा वर्ग तथा शंभु लाल प्रसाद अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
दोनों को क्रमश: 298 और 336वां रैंक मिला है, लेकिन राज्य प्रशासनिक सेवा के आरक्षित पदों पर इनका चयन हुआ। इसी तरह, 340वें स्थान पर रहे रौशन कुमार भी नेत्रहीन हैं, जिनका चयन राज्य वित्त सेवा में हुआ है।
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नेत्रहीन ही नहीं, एक मूक बधिर अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में सफल घोषित हुए हैं। 341वें स्थान पर रहे अताबुद्दीन अंसारी का चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ है। ये अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इसी तरह, 342वें स्थान पर रहे रोहित कुमार ऑटिज्म एंड मल्टीपल डिजिबिलीटी से ग्रसित हैं।
सिविल सेवा में जाने के जज्बे के कारण इन्होंने तमाम शारीरिक कमियों को किनारे करते हुए सफलता हासिल की। इनका भी चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ है।
वहीं, 282वें स्थान पर रहे विष्णु मुंडा, 338वें स्थान पर रहे वसीम अकरम तथा 339वें स्थान पर रहे अख्तर हुसैन अंसारी लोकोमोटिव श्रेणी से आते हैं। विष्णु और वसीम राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए हैं, जबकि अख्तर हुसैन को वित्त सेवा मिला है।
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