Ranchi News: ED को मैनेज करने के नाम पर लेनदेन का मामला, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर लगाई रोक
ईडी को मैनेज करने के नाम पर करोड़ों के लेन-देन से जुड़े मामले में पुलिस की जांच पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। इस पूरे मामले में रांची के पंडरा थाने में दो केस दर्ज किए गए जिसमें पहला केस अधिवक्ता सुजीत कुमार द्वारा और दूसरा केस संजीव कुमार पांडेय नामक शख्स द्वारा दर्ज कराया गया।

राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी को मैनेज करने के नाम पर करीब छह करोड़ के लेन-देन मामले में रांची के पंडरा थाने में दर्ज प्राथमिकी दर्ज की गई थी, इस मामले में हाईकोर्ट ने की पुलिस जांच पर रोक लगा दी है। इस पूरे प्रकरण की CBI से जांच कराए जाने का आग्रह करने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई के बाद बुधवार को जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया है।
अदालत ने राज्य सरकार से अब तक की पुलिस जांच रिपोर्ट तलब करते हुए संबंधित थाने के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने को भी कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
ईडी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आशंका जताई है कि पंडरा थाने में दर्ज उक्त केस में ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रांची पुलिस आरोपित बना सकती है। पंडरा थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच CBI से कराई जाए। बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता दीपांकर ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ईडी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद अदालत ने पुलिस जांच पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।
क्या है पूरा मामला?
पहली प्राथमिकी
रांची के पंडरा थाने में 6 अक्टूबर 2024 को दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हैं। अधिवक्ता सुजीत कुमार ने रंगदारी की मांग कर अपहरण करने संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। संजीव कुमार पांडेय, रवि कुमार, प्रशांत, दीवाकर व अन्य पर उन्होंने आरोप लगाया था।
उनके मुताबिक दो अक्टूबर को आरोपित उनके कार्यालय आए और हथियार का भय दिखाकर एक सादे कागजात पर लिखवाया कि उन्होंने छह करोड़ 40 लाख रुपये संजीव कुमार पांडेय से लिया है। वे उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गए और उनकी एक अन्य कार भी ले लिए। संजीव कुमार पांडेय ने अपने खाते में 11 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराया और 54 चेकबुक ले ली।
दूसरी प्राथमिकी
दूसरी प्राथमिकी पंडरा थाना कांड संख्या 508/2024 में संजीव कुमार पांडेय नामक व्यक्ति ने धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं में दर्ज कराई थी।
उन्होंने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर आरोप लगाया था कि जमीन घोटाला केस की जांच कर रही ईडी को मैनेज करने के नाम पर नामकुम के सीओ प्रभात भूषण सिंह, धनबाद के डीटीओ दीवाकर द्विवेदी, कांके के अंचलाधिकारी जयकुमार राम आदि से अधिवक्ता सुजीत कुमार ने करीब छह करोड़ रुपये की ठगी की।
जब ईडी मैनेज नहीं हुई तथा चार्जशीट दाखिल कर अधिवक्ता को पैसे वापस करने के लिए कहा जाने लगा, जिसमें वे टालमटोल करते रहे। दो अक्टूबर को वहीं रुपये मांगने के लिए सभी गए थे, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा था।
हाईकोर्ट में सुनवाई
- इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए अब हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर रोक लगा दी है।
- मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
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