Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चारा घोटाले की सुनवाई करने वाले सेवानिवृत्त जज को मिली राहत, पढ़ें क्या है पूरा मामला

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 10:44 AM (IST)

    चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर चुके सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ साल 2009 में सुनाए गए आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें लाल के सुपर टाइम वेतनमान को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसकी वजह से उनकी पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले अन्य लाभों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

    Hero Image
    सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाला की सुनवाई करने वाले सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने उनकी रिट याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा सात दिसंबर, 2009 को जारी आदेश को निरस्त कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2009 में जारी आदेश में लाल के सुपर टाइम वेतनमान को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिससे उनकी पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद अन्य लाभों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इसके बाद उन्होंने आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया और अब उनके पक्ष में फैसला आया

    चारा घोटाला मामले में सुनवाई

    जज सुधांशु कुमार लाल ने ही पटना में CBI अदालत के विशेष न्यायधीष के रूप में चारा घोटाला मामले की सुनवाई की थी।

    फरवरी 2004 का है मामला

    सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई इस आरोप पर शुरू की गई थी कि 11 फरवरी, 2004 को जहानाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीएसजे) के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने हाईकोर्ट प्रशासन को सूचित किए बिना अपना स्टेशन छोड़ दिया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बिना पूर्व अनुमति के पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में गुप्त रूप से भाग लिया था।

    कोर्ट ने पाया दोषी

    इन आरोपों के आधार पर सुधांशु कुमार लाल को दोषी पाया गया और हाईकोर्ट प्रशासन ने उन्हें दंडित किया। 7 दिसंबर 2009 को जारी आदेश में जज सुधांशु कुमार लाल को सुपर टाइम वेतनमान को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया था, जिससे उनकी पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

    लाल की ओर से वरीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह एवं अधिवक्ता हर्ष सिंह ने तर्क दिया कि विभागीय जांच त्रुटिपूर्ण थी। आरोपों को प्रमाणित करने के लिए जांच अधिकारी के समक्ष किसी गवाह की जांच नहीं की गई और उनके मुवक्किल के विरुद्ध आरोप अवैध तरीके से सिद्ध हुए।

    हाईकोर्ट से मिली राहत

    न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल के वेतन बकाया और पेंशन लाभों की पुनर्गणना करने तथा उनकी सेवा शर्तों पर सुपर टाइम वेतनमान लागू करने का निर्देश दिया। हालांकि, इसी पीठ ने एक अन्य मामले में उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया, जहां लाल को बेगूसराय के डीएसजे के रूप में कार्य करते हुए निंदा की मामूली सजा दी गई थी।

    ये भी पढ़ें

    Tirhut Graduate constituency byelection:मतदान को लेकर लोगों में खासा उत्साह, मतदान केंद्रों के बाहर सुबह से ही लगी लंबी कतार

    Pappu Yadav: सांसद पप्पू यादव को धमकी देने वाला थाने से ही जमानत पर छूटा, पुलिस को बता दी अंदर की बात!

    comedy show banner
    comedy show banner