सांसद पप्पू यादव को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार आरोपी राम बाबू राय को थाने से ही जमानत मिल गई है। पुलिस का कहना है कि जिस मामले में सात वर्ष से कम सजा का प्रविधान है उसमें धाने से ही जमानत मिल जाती है। हालांकि आरोपी के बयान से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उसने पुलिस को बताया कि उसे अपना मोबाइल नंबर तक याद नहीं है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सांसद पप्पू यादव को वीडियो कॉल कर धमकी देने के मामले में आरोपित भोजपुर के शाहपुर डूमरिया निवासी राम बाबू राय को थाने से ही जमानत दे दी गई। पुलिस का कहना है कि जिस मामले में सात वर्ष से कम सजा का प्रविधान है, उसमें धाने से ही जमानत मिल जाती है। वहीं, इस मामले में सहायक खजांची थाना अध्यक्ष की लिखित शिकायत पर राम बाबू राय पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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इस मामले का अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक ज्योति कुमारी को बनाया गया है। आरोपित राम बाबू राय ने पुलिस के समक्ष जो बयान दिया है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोपित ने बयान दिया कि उसे अपना मोबाइल नंबर तक याद नहीं है। हालांकि, उस व्यक्ति का नाम और स्थान पूरी तरह से याद है, जिसने उसे वीडियो बनाने के लिए कहा था।
तालाब में फेंका मोबाइल
जिस मोबाइल से उसने वीडियो बनाया था उसे एक दिसंबर की रात ही तालाब में फेंक दिया। वह किसी लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) को नहीं जानता है। बताया कि चार-पांच वर्ष पहले वह जन अधिकार पार्टी (जाप) के एक नेता से मिला था। उसी ने पप्पू यादव से मिलवाया। कुछ दिन पहले पटना के यूको पार्क घूमने गया था, इसी बीच उसकी मुलाकात राजेश यादव से हुई, जो पप्पू यादव का करीबी हैं। उनके साथ दो तीन और लोग थे।
उन्होंने नेता बनाने का प्रलोभन देकर वीडियो बना लिया। आरोपित ने पुलिस को बताया है कि राजेश यादव के कहे अनुसार उसने वीडियो में कहा कि हम लॉरेंस बिश्नोई के आदमी बोल रहे हैं। तुम बिश्नोई से पांच दिनों के अंदर माफी मांग लो नहीं तो तुमको जान से मार देंगे। राजेश यादव मेरे मोबाइल से वीडियो बना रहा था। इसके बाद राजेश यादव ने कहा कि इस वीडियो को एक दिसंबर 2024 को सांसद पप्पू यादव के नंबर पर भेज देना। उसने सांसद का नंबर भी दिया।
'पप्पू यादव ने मुझे अपने नंबर से कॉल किया...'
कहा, ऐसा करने से सांसद को सुरक्षा मिल जाएगी और उनकी लोकप्रियता बढ़ जाएगी। एक दिसंबर को मैंने पप्पू यादव के नंबर पर वीडियो भेज दिया। वीडियो भेजने के आधे घंटे के बाद पप्पू यादव ने मुझे अपने नंबर से कॉल किया और पूछा कि हम कहां से बोल रहें हैं। फिर पप्पू यादव ने कहा हम आपसे पटना में मिलने आते हैं तो हम डर से अपने दोस्त बिट्टू यादव के घर जाकर छिप गए। एक दिसंबर की रात ही भोजपुर पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित की कहानी नहीं हो रही किसी को हजम:
बताया जा रहा है कि पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपित ने जो कहानी बताई है वह कई लोगों को हजम नहीं हो रही है। पप्पू यादव सहित उनके समर्थक इस थ्योरी पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, वह यह भी कह रहे है कि पुलिस ने महज कुछ ही घंटों में आरोपित के दिए गए बयान को सही कैसे मान लिया। आरोपित की बातों का तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मिलान करना भी पुलिस ने मुनासिब क्यों नहीं समझा।
आरोपित जिस राजेश यादव का नाम बता रहा है वह राजेश यादव कहां का रहने वाला है। क्या आरोपित जो जानकारी दे रहा है पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर इसका मिलान किया कि पार्क में आरोपित एवं राजेश यादव की मुलाकात हुई थी। इस मामले में बहुत सारे सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले समय में पुलिस को देने होंगे।
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