Cyber Crime: CCL के रिटायर्ड अधिकारी से 2.27 करोड़ की ठगी के मामले में ED की एंट्री; रांची जोन की टीम करेगी जांच
सेवानिवृत्त अधिकारी से 2.27 करोड़ की ठगी मामले की जांच ED द्वारा की जा सकती है। CCL के सेवानिवृत्त अधिकारी को उनके मोबाइल पर कॉल करके साइबर अपराधियों ने 2 करोड़ 27 लाख रुपये की ठगी की थी। ईडी ने इससे पहले भी साइबर अपराध से जुड़े कई मामलों में मनी लांड्रिंग के तहत जांच की है। अब ईडी रांची जोन की टीम इस मामले की जांच कर सकती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Cyber Crime: रांची में डिजिटल अरेस्ट कर सीसीएल के सेवानिवृत्त अधिकारी से 2.27 करोड़ की ठगी मामले की जांच भी ईडी कर सकती है। ईडी इस केस से संबंधित सभी तथ्यों को देख रही है।
संभावना है कि बहुत जल्द इस केस के आधार पर ईडी रांची में भी केस दर्ज होगा। सेवानिवृत्त अधिकारी को उनके मोबाइल पर कॉल करके ठगों ने चूना लगाया था।
केस में फंसाने की धमकी देकर ठगी
साइबर अपराधियों ने केस में फंसाने की धमकी देकर सेवानिवृत्त अधिकारी से विभिन्न खातों में दो करोड़ 27 लाख रुपये जमा करा लिए थे।
ईडी ने पूर्व में भी साइबर अपराध से जुड़े कई मामलों में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान किया था और उक्त मामले में चल-अचल संपत्ति जब्त की थी। डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला होगा, जिसमें ईडी रांची जोन की टीम भी अनुसंधान करेगी।
ईडी चेन्नई की टीम ने 27 जनवरी को डिजिटल अरेस्ट के दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया था। ईडी ने देश में 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी के बाद यह कार्रवाई की थी।
गिरफ्तार आरोपितों में एक कोलकाता व दूसरा दिल्ली से पकड़ा गया था। दिल्ली से गिरफ्तार आरोपित देश छोड़ने की तैयारी में था।
ईडी ने जांच में पाया है कि डिजिटल अरेस्ट के संदिग्ध आरोपित अवैध खातों में लेन-देन करते थे, अवैध नकदी को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर उसे विदेश में स्थानांतरित कर रहे थे।
ईडी चेन्नई की टीम ने वहां एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 33 लाख रुपये की ठगी मामले की जांच के दौरान यह कार्रवाई की है।
कोडरमा:साइबर सुरक्षा के प्रति हमेशा जागरुक रहें
कोडरमा उत्क्रमित 2 बालिका परियोजना उच्च विद्यालय कोडरमा में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हैंड इन हैंड इंडिया, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, स्टे सेफ ऑनलाइन एवं आइएसइए के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश एवं हैंड इन हैंड इंडिया के डीजीएम रवि रंजन ने किया।
साइबर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत हैंड इन हैंड इंडिया के डीजीएम रवि रंजन ने छात्राओं को बताया कि डिजिटल क्रियाकलाप हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन आवश्यकता है कि हम इस चीजों को बहुत ही सजगता एवं समझदारी से इसका इस्तेमाल करें। साथ ही साथ हमेशा सावधान रहें।
उन्होंने छात्रों को बताया कि कभी भी वीडियो चैट और वीडियो कॉल पर उपस्थित रहते समय अजनबियों से दूर रहे और इस तरह की चैटिंग अजनबियों से न करें।
फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से सावधान
संवेदनशील व्यक्तिगत फोटो और वीडियो के लेने के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग ना करें। फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से सावधान रहें।
सभी अकाउंट असली नहीं होते हैं और अकाउंट पर दी गई जानकारियां सही नहीं होती है, इसलिए अजनबियों से दोस्ती का अनुरोध स्वीकार करते समय सतर्क रहें।
बैंकों को अभी हर तरह से डिजिटाइजेशन किया गया है, जिसमें बहुत जरूरी है कि हम नई चीजों का उपयोग के साथ-साथ सार्थकता बरतें। कभी भी बैंक अपने कस्टमर से फोन के माध्यम से कोई जानकारी नहीं मांगता है।
फोन पर साझा न करें कोई जानकारी
यदि आपसे कोई इस तरह की जानकारी मांगे तो फोन पर किसी के साथ अपने बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें। बहुत जरूरी है कि हमारे युवा जो लगातार स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं वह सतर्क भी रहें।
जागरूकता नहीं रहने के कारण दूसरे तरफ से कभी-कभी युवाओं को इस तरह से परेशान किया जाता है कि वह परेशानी से तंग आकर आत्महत्या कर लेना आसान समझते हैं।
बहुत जरूरी है कि हम साइबर सुरक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहें। इस कार्यक्रम में लगभग 250 लड़कियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन सविता कुमारी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन दीपक कुमार ने किया।
ये भी पढ़ें
Cyber Crime: दारोगा को हेल्पलाइन पर मदद मांगना पड़ा भारी, एक झटके में लगा 51 हजार रुपये का चूना
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।