Jharkhand News: 96 प्रतिशत स्कूलों में हुआ पीटीएम, पुरुषों से अधिक महिलाओं ने लिया भाग
रांची राज्य के सरकारी स्कूलों में आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में जनप्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। 96% स्कूलों में हुई इस बैठक में सांसद विधायक और उपायुक्त भी शामिल हुए। शिक्षा सचिव और राज्य परियोजना निदेशक ने भी स्कूलों का दौरा किया। महिलाओं समेत बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाग लिया।

राज्य ब्यूरो, रांची। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर सरकारी स्कूलों में हुए दूसरे अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में अभिभावकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी सहभागिता दी।
राज्य के 96 प्रतिशत स्कूलों में यह बैठक आयोजित की गई। इस बार की पीटीएम की विशेषता यह रही कि पहली बार इस बैठक में सांसद और विधायक के साथ-साथ उपायुक्त भी सम्मिलित हुए।
यहां तक कि शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह एवं राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने भी स्कूल पहुंचकर शिक्षकों तथा अभिभावकों को बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर प्रोत्साहित किया।इस बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहुंचे। सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही।
विभिन्न जिलों से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को मिली रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में भाग लेनेवाले अभिभावकों में 6,52,719 महिलाएं थीं, जबकि पुरुष अभिभावकों की संख्या 4,32,839 रही। कुल 345 स्कूलों की इस बैठक में कोई न कोई विधायक पहुंचे।
वहीं, 160 स्कूलों में स्थानीय सांसद पहुंचकर अभिभावकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं सभी सांसदों और विधायकों को पत्र लिखकर इस बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया था।
शिक्षा सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक के स्कूल पहुंचने का असर यह हुआ कि इस बार 27 स्कूलों में संबंधित जिले के उपायुक्त भी पहुंचे। 50 स्कूलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा इतने ही स्कूलों में जिला शिक्षा अधीक्षक भी पहुंचे।
92,479 पीआरआइ सदस्य इस बैठक में सम्मिलित हुए। बताते चलें कि विभाग के निर्देश पर यह बैठक आठ से 14 सितंबर तक आयोजित की गई। हालांकि कुछ स्कूलों में बाद में भी बैठक हुई। परिषद ने इस कार्यक्रम की निगरानी के लिए अधिकारियों की टीम भी गठित की थी।
तीन जिलों में शत-प्रतिशत स्कूलों में हुई बैठक
तीन जिले ऐसे हैं जहां शत-प्रतिशत स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित हुई। इनमें रांची, खूंटी तथा जामताड़ा सम्मिलित हैं। गिरिडीह एकमात्र जिला रहा, जहां 90 प्रतिशत से कम स्कूलों में यह बैठक हुई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।