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Palamu Shahpur Fort: किले का जीर्णोद्धार जरूरी: कभी था चेरो राजाओं का शान, अब पड़ा वीरान

Palamu Shahpur Fort विस्तृत पलामू(Palamu) में करीब 200 वर्षों तक शासन करने वाले चेरोवंशी राजाओं(Cherovanshi kings) के शान की निशानी शाहपुर किला(Shahpur Fort) वर्तमान में वीरान है। कभी शासन का केंद्र बिंदु रहा यह किला फिलहाल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 10:00 AM (IST)
Palamu Shahpur Fort: किले का जीर्णोद्धार जरूरी: कभी था चेरो राजाओं का शान, अब पड़ा वीरान

पलामू (जासं)। Palamu Shahpur Fort: विस्तृत पलामू(Palamu) में करीब 200 वर्षों तक शासन करने वाले चेरोवंशी राजाओं(Cherovanshi kings) के शान की निशानी शाहपुर किला(Shahpur Fort) वर्तमान में वीरान है। कभी शासन का केंद्र बिंदु रहा यह किला फिलहाल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर नगर निगम(Medininagar Municipal Corporation) के शाहपुर स्थित कोयल नदी(Koyal River) तट पर अवस्थित करीब 250 वर्ष पुराना शाहपुर किला चेरो राजाओं की गौरवशाली गाथा कहते नजर आता है। किले की दरकती दीवारें, टूटते फूटते फर्श, इर्द गिर्द झाड़ झंखाड़ों का साम्राज्य इसकी व्यथा-गाथा कहते नजर आते हैं। स्थानीय लोगों में यह चलानी किला के नाम से प्रचलित है।

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अंग्रेजो के नियंत्रणाधीन हो जाने के बाद वर्षों तक शाहपुर किला में ही रहा था राजा का निवास:

वर्गाकार ऊंचे टीले पर बनी इमारत की ऊंची दीवारें बड़े बड़े बुलंद दरवाजे इसकी भव्यता की कहानी कहते नजर आते हैं। किले से कोयल नदी का मनोहारी नजारा लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। शाहपुर किला का निर्माण 1770 के दशक में तत्कालीन चेरोवंशीय राजा गोपाल राय ने कराया था। चेरो सत्ता के अवसान काल में पलामू का राजकाज यहीं से संचालित होता था। 21 मार्च 1771 को पलामू किला (अब लातेहार में) अंग्रेजो के नियंत्रणाधीन हो जाने के बाद वर्षों तक शाहपुर किला में ही राजा का निवास रहा था।

कोयल नदी के सुरम्य तट पर बसा ऐतिहासिक यह किला जोह रहा है जीर्णोद्धार की बाट:

बताया जाता है कि शाहपुर किला से पलामू किला तक सुरंग बना हुआ था। चेरो वंश के प्रतापी राजा मेदिनी राय के शासनकाल में दूध दही की नदियां बहती थी। कहा जाता है कि धनि धनि राजा मेदनिया घर घर बाजे मल्हनीया अर्थात राजा मेदनीराय के शासन काल में प्रजा खुशहाल थी। सभी घरों में दही मथा जाता था। शाहपुर किला प्रांगण में राजा मेदिनी राय व चेरो वंश के अंतिम शासक चुरामन राय व उनकी पत्नी चंद्रावती देवी की तस्वीर चेरो वंश की गौरव गाथा की स्मृति दिलाती है। पलामू प्रमंडल के विभिन्न गांवों में बसी चेरो जनजाति समुदाय में आज भी चेरो वंश की सुशासन की गाथाएं किंवदंतियों के रूप में कही सुनी जाती है। फिलहाल कोयल नदी के सुरम्य तट पर बसा ऐतिहासिक महत्व का यह किला अपने जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है।

पुरातात्विक धरोहर घोषित है किला:

मेदिनीनगर : 8 वर्ष पूर्व पलामू किला समेत शाहपुर किला को भी पुरातात्विक महत्व का घोषित किया गया था। पुरातात्विक धरोहर घोषित होने के कुछ दिन बाद किले का जीर्णोद्धार कार्य भी शुरू हुआ। आंशिक रूप से मरम्मत होने के बाद कार्य बंद कर दिया गया। बताया गया की आवंटन के अभाव में काम बंद करना पड़ा है।

किले का जीर्णोद्धार जरूरी: प्रमिला देवी

पलामू मेदिनीनगर नगर निगम की वार्ड पार्षद सह जोन 7 की अध्यक्ष प्रमिला देवी ने बताया कि शाहपुर किला चेरोवंशी राजाओं की निशानी है। पुरातात्विक धरोहर घोषित किए जाने पर किला को संरक्षित होने की उम्मीद जगी थी। थोड़ा बहुत मरम्मत के बाद जीर्णोद्धार कार्य बंद हो गया। संवेदक आवंटन नहीं होने की बात बताकर काम बंद कर दिया। किले का जीर्णोद्धार जरूरी है।


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