Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: ई-केवाईसी से हुआ चौंकाने वाला खुलासा, सालों से 13,229 मृतकों के नाम पर बंट रहा था राशन

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 04:29 PM (IST)

    पलामू जिले में ई-केवाईसी जांच से पता चला है कि 13229 मृतकों के नाम पर वर्षों से राशन उठाया जा रहा था। खाद्य आपूर्ति विभाग ने कार्रवाई करते हुए इन नामों को राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले में डीलरों और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।

    Hero Image
    13,229 मृतकों के नाम पर बंट रहा था राशन। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जमीनी सच्चाई को ई-केवाईसी जांच ने बेनकाब कर दिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा कराई गई डिजिटल प्रमाणीकरण प्रक्रिया में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिले में 13,229 मृतकों के नाम पर वर्षों से राशन का उठाव किया जा रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह सिर्फ सरकारी योजनाओं में सेंधमारी नहीं बल्कि असली जरूरतमंदों के अधिकारों का खुला हनन है। ई-केवाईसी के दौरान सामने आया कि 1,749 लाभार्थी शहरी क्षेत्र और 11,480 ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित थे।

    सत्यापन के बाद विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन नामों को राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 8,316 मृत व्यक्तियों के नाम डिलीट किए जा चुके हैं, जिसमें 1,049 शहरी और 7,267 ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी शामिल हैं। शेष नामों को हटाने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

    सुनियोजित भ्रष्टाचार का मामला

    जानकारी के मुताबिक यह केवल सिस्टम की तकनीकी खामी नहीं है, बल्कि इसमें डीलरों और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है। मृत व्यक्तियों के नाम पर हर महीने राशन का उठाव हो रहा था, जिससे साफ है कि कोई न कोई सरकारी तंत्र की आंखों में धूल झोंककर इसका लाभ उठा रहा था।

    यह स्थिति न केवल जिला प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि वर्षों से जारी गड़बड़ियों और मिलीभगत की ओर भी संकेत करती है। यदि मृतकों के नाम पर लगातार राशन उठता रहा और किसी को भनक नहीं लगी, तो यह सीधा-सीधा सुनियोजित भ्रष्टाचार का मामला प्रतीत होता है।

    यह भी पढ़ें- PM Awas Yojana: बिहार में बना मकान दिखाकर झारखंड से ले लिया योजना का लाभ, अब तक नहीं हुई वसूली