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    पलामू में आरओ वॉटर प्लांट चलाने के बदले नियम, अब लाइसेंस लेना जरूरी; नहीं तो लगेगा जुर्माना

    पलामू जिले के सभी नगर निकायों में आरओ वॉटर प्लांट चलाने के लिए अब लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए पांच हजार रुपये निबंधन शुल्क और 20 हजार रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा। ड्राई जोन में किसी भी वॉटर प्लांट को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। 15 दिनों के अंदर लाइसेंस नहीं लेने पर 50 हजार रुपये जुर्माना और सील करने की कार्रवाई होगी।

    By Sachidanand Kumar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 28 Feb 2025 12:56 PM (IST)
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    नगर आयुक्त जावेद हुसैन ने जारी किया नया आदेश

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। मेदिनीनगर नगर निगम समेत जिले के सभी नगर निकायों में आरओ वॉटर प्लांट चलाने के लिए प्लांट संचालक को नगर निगम समेत सभी निकायों से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए पांच हजार रुपये निबंधन शुल्क व 20 हजार रुपये वार्षिक शुल्क के रूप में जमा करना होगा।

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    इन जगहों पर नहीं संचालित कर सकेंगे वॉटर प्लांट

    नगर निकायों के ड्राइ जोन जहां पानी के लिए लोगों को गर्मी के दिनों में परेशान होना पड़ता है, वहां किसी भी वॉटर प्लांट को संचालित करने का लाइसेंस नहीं दिया जायेगा। इस संबंध में गुरुवार को मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त सह प्रशासक जावेद हुसैन ने आदेश जारी किया है।

    मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त ने जारी किया आदेश

    • जारी आदेश में जिक्र किया गया है कि नगर विकास एवं आवास विभाग,रांची के अधिसूचना संख्या 3370, दिनांक 06.09.24 के आलोक में सभी जल आपूर्ति अभिकरण को नगर निगम समेत निकायों से अनुज्ञप्ति प्राप्त करना आवश्यक है।
    • मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में संचालित सभी आरओ वॉटर प्लांट संचालकों से कहा गया है कि अगर वे 15 दिनों के अंदर लाइसेंस नहीं लेते हैं तो निगम ऐसे प्लांट पर 50 हजार रुपया जुर्माना लगाने के साथ-साथ सील करने की कार्रवाई करेगा।

    बताते चले कि पलामू जिले में मेदिनीनगर नगर निगम, विश्रामपुर नगर परिषद, हुसैनाबाद नगर पंचायत, हरिहरगंज नगर पंचायत व छतरपुर नगर पंचायत शामिल हैं। जहां कुल मिलाकर तीन सौ से अधिक आरओ वाटर प्लांट संचालित हैं।

    निबंधन के लिए इन कागजातों कीजरूरत

    आरओ वॉटर प्लांट के निबंधन के लिए प्लांट संचालक को आधार कार्ड, कंपनी या फर्म रजिस्ट्रेशन का कागजात, बिजली बिल, होल्डिंग रसीद, केंद्रीय भूगर्भ जल प्राधिकार का एनओसी व रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का कागजात जमा करना होगा।

    सारे कागजातों की जांच के बाद निगम संबंधित प्लांट को लाइसेंस जारी करेगा। अन्यथा इन अहर्ता को पूरा करने नहीं करने वाले आरओ वॉटर प्लांट को सील किया जाएगा।

    ऐसे में आरओ वॉटर प्लांट संचालक जल्द से जल्द सभी जरूरी कागजात एकत्र कर लें, वरना उन पर एक्शन हो सकता है।

    आरओ वाटर प्लांट के निबंधन की प्रक्रिया को चार कैटेगरी में बांटा गया है, जिसके आधार पर लाइसेंस दिया जाएगा।

    • सेफ जोन- जहां पानी की किल्लत नहीं है, वहां लाइसेंस आसानी से दिया जाएगा।
    • सेमी क्रिटिकल जोन- मार्च 2026 तक प्लांट संचालन का लाइसेंस दिया जाएगा।
    • क्रिटिकल जोन- मार्च 2025 के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।

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