'सत्ता में रहे या ना रहें, आर-पार की लड़ेंगे लड़ाई', झारखंड विधानसभा में गरजे CM हेमंत सोरेन
झारखंड विधानसभा में बजट सत्र का समापन भाषण में सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। देश को परिणाम कुछ और भुगतना पड़ता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सदन को सौभाग्य प्राप्त हुआ कि लंबे अंतराल के बाद नेता प्रतिपक्ष मिला है। मैं इसके लिए विरोधी दलों का शुक्रिया अदा करता हूं।
राज्य ब्यूरो, रांची। गुरुवार को झारखंड विधानसभा बजट सत्र का आखिरी दिन था। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहुत ही जोरदार भाषण दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अगले 25 साल की कार्ययोजना बनाकर उनकी सरकार काम करेगी। विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन उन्होंने विपक्षी दल भाजपा पर जहां करारा प्रहार किया, वहीं सिलसिलेवार तरीके से अपनी उपलब्धियां गिनाने हुए लगभग हर पहलू को छूने का प्रयास किया।
हेमंत सोरेन ने कुछ ऐसे शुरू किया भाषण
कहां से शुरू करूं, विपक्ष में तो दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता। बड़ा ही विचित्र है। खेल के मैदान में प्रतिस्पर्धा हो रही हो और एक ही टीम हो तो कैसे मजा आएगा। ऐसा लग रहा है कि विपक्ष ने पहले ही हार मान ली है।
लोकतंत्र की दुहाई देने वाले लोग, संविधान की कसम खाने वाले लोग ऐसे ही हैं। ये (भाजपा) बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। देश को परिणाम कुछ और भुगतना पड़ता है। यही वजह है कि आज धीरे-धीरे पूरा विपक्ष सदन से बाहर चला गया।
सरकार ने 1 लाख 45 हजार करोड़ का अबुआ बजट सदन में पेश किया। सदन ने इस बजट पर अपना मुहर भी लगाया। तंज कसते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि इस दौरान सदन को सौभाग्य प्राप्त हुआ कि लंबे अंतराल के बाद नेता प्रतिपक्ष मिला है। मैं इसके लिए विरोधी दलों का शुक्रिया अदा करता हूं।
इसकी वजह से कई संवैधानिक कार्य अटके पड़े थे। जिसको लेकर आए दिन कोर्ट में भी बातें आती हैं।
ये उठाकर फेंकना चाहते संविधान, अपना संविधान लागू करना चाहते
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने विपक्षियों की कई चुनौतियां, षड्यंत्र और अपदस्थ करने के प्रयास के बावजूद पुन: जनादेश को प्राप्त करने में सफलता पाई। हम सिर्फ सफल ही नहीं हुए, पहले से ज्यादा मजबूती के साथ हमलोग खड़े हैं।
अब धीरे-धीरे राज्य और देश की जनता इनके असली चेहरे को देख रही है। धीरे-धीरे इनका नकाब परत-दर-परत उतर रहा है। इस राज्य में अपने षड्यंत्र के जाल को बिछाने के लिए विपक्ष के लोगों में कमी देखी गई तो आयातित नेताओं के द्वारा षड्यंत्र रचा गया।
कई मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री महीनों मंडराते रहे। कुछ ने अपना राज्य छोड़ दिया। ये सिर्फ सत्ता काबिज होना चाहते हैं। इनका उद्देश्य रहता है कि किसी प्रकार विधायकों-सांसदों को तोड़कर, खरीदकर सत्ता में आओ।
इसके पीछे इनका छिपा हुआ एजेंडा है। ये देश के संविधान को उठाकर फेंक देना चाहते हैं। ये अपना संविधान देश पर थोपने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
घटाना चाहते आदिवासी-दलितों की सीटें, सरकार रहे या ना रहे, संघर्ष करेंगे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परिसीमन को लेकर भी करारा प्रहार किया। इसके अलावा पिछड़े को 27 प्रतिशत आरक्षण, आदिवासियों को सरना कोड, खतियान आधारित स्थानीय नीति जैसे विषय पर बात रखी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार कुंडली मारकर बैठी है। इसपर अब राज्य की जनता को ही आरपार की लड़ाई लड़नी होगी। संघर्ष के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं। जनता के दरबार में चलें, वहीं निर्णय होगा।
परिसीमन के पीछे इनका छिपा एजेंडा है कि आदिवासी, दलितों की सीट को कैसे घटाया जाए। सबको मालूम है कि पहले दिशोम गुरू शिबू सोरेन के नेतृत्व में इसे रोका गया। इस बार बड़ी चतुराई से पूरे देश में परिसीमन का षड्यंत्र बिछाया गया है।
उन्होंने कहा कि हम लोगों की इन पर नजर है। अगर ऐसी स्थिति आई तो हम चाहे सत्ता में रहे या न रहें, आर पार की लड़ाई होगी।
उन्होंने कहा कि असम के सीएम तो झारखंड में सुपर स्टार बनकर घूम रहे थे विपक्ष के। हमने पूछा, पत्र लिखा, वहां क्यों नहीं झारखंड के आदिवासियों को दर्जा दे रहे तो वो भी गोलमोल जवाब दे रहे।
भारत सरकार जो योजना बनाती है आदिवासियों के लिए, उनको हक नहीं मिलता। ये अलग-अलग माध्यमों से जहर बोने का काम करते हैं।
एक कहता संताल परगना को अलग करो, दूसरा बोलता है सरायकेला-खरसावां को अलग कर दो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य को बांटने की कोशिशों पर कहा कि इनका एक नेता कहता है कि संताल परगना को अलग कर दो, दूसरा बोलता है कि सरायकेला-खरसावां को अलग कर दो। राज्य को अलग कराओ, राज्यों को लड़ा दो, जातियों में लड़वाओ, घर में लड़वाओ, ना जाने किस यूनिवर्सिटी से ये डिग्री लेकर आए हैं?
रांची में अनिल महतो टाइगर की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं, संसदीय कार्यमंत्री ने खेद जताया। सरकार की संवेदनशीलता इतनी है कि इस घटना को कोई माफ नहीं कर सकता। संसदीय कार्यमंत्री के साथ दो मंत्री उनके परिजनों के पास गए। अपराधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एक पकड़ा भी गया है। उसी का बयान है। लेकिन इन्होंने झारखंड बंद, रांची बंद कराया। जितने भी दुकान चलाने वाले, सभी उन्ही के वोटर हैं। एक दिन बंद होने से उनका क्या जाएगा, मजदूरी करने वाले की दिहाड़ी जाएगी। ये पैसे वाले हैं। ये बहुत चतुर हैं। पैसे वाले अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं।
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