झारखंड में सफाई के नाम पर मैला नहीं ढोएंगे कैदी, जेलों में हड़ताल-आंदोलन भी नहीं; सरकार ने पारित किया विधेयक
बुधवार को सदन में झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित हो गया। इसके तहत अब सफाई के नाम पर किसी भी कैदी से मैला ढोने को नहीं कहा जाएगा। साथ ही जेल में कैदी किसी भी स्थिति में हड़ताल और आंदोलन नहीं कर सकेंगे। विधेयक में जेल से बाहर निकलने वाले कैदियों के भविष्य को लेकर परिकल्पनाएं की गई हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा में बुधवार को झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक-2025 ध्वनिमत से पारित हो गया। कैदियों के लिए सुधारात्मक प्रयासों के तहत तय किए गए उपायों के बाद अब सफाई के नाम पर किसी भी कैदी से मैला ढोने को नहीं कहा जाएगा। हालांकि, यह पहले से ही प्रतिबंधित है।
आंदोलन नहीं कर सकेंगे कैदी
- सरकार ने यह भी सुनिश्चित कर दिया है कि जेल में कैदी किसी भी स्थिति में हड़ताल और आंदोलन नहीं कर सकेंगे। इसके पहले राजभवन के निर्देश पर विधेयक में मौजूद गलतियों को सुधारकर सदन में पेश किया गया।
- विपक्ष ने इस दौरान चर्चा में भाग लेते हुए जेलों से संचालित अपराधों का मामला उठाया और कर्मियों की कमी के कारण उठ रही समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
गलतियां सुधारने के बाद पेश किया गया विधेयक
बुधवार को प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक-2025 को सदन के पटल पर रखा। एक दिन पूर्व ही यह विधेयक वापस हो गया था।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को बताया था कि उक्त विधेयक राज्यपाल के ध्यानार्थ भेजा गया था, जिसमें कुछ गलतियों के चलते राज्यपाल ने उसे वापस कर दिया था।
इसके बाद ही सदन ने भी उसे वापस लिया। गलतियों को सुधारकर बिल पेश किया गया और पारित भी हो गया।
डीजी स्तर के अधिकारियों की हो नियुक्ति: बाबूलाल मरांडी
भाजपा की ओर से विधेयक पर चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि जेलों के लिए आइजी स्तर के अधिकारी के स्थान पर डीजी स्तर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति हो। झारखंड की जेलों के लिए एक निदेशालय बने, जिसके प्रमुख एक डीजी रैंक के अधिकारी हों।
जेल में कर्मियों की कमी की उठाया मुद्दा
बाबूलाल मरांडी ने जेल में जेलर, कक्षपाल, अधीक्षक आदि कर्मियों की भारी कमी का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि जेलों से अपराध संचालित हो रहे हैं। उसे रोकने के लिए सरकार ठोस उपाय करें।
जेल में रची जा रही हत्या की साजिश
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि जेलों से हत्या की साजिश रची जा रही है। रंगदारी मांगे जाने के कई मामले दर्ज हैं। जेल से फोन भी किए जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए विधेयक में कोई प्रविधान नहीं दिख रहा है।
गड़बड़ियों को दूर करने का आश्वासन
सत्ता पक्ष से मंत्री ने विपक्ष का आश्वस्त किया कि इस प्रकार की गड़बड़ियों को दूर कर दिया गया है। अंत में विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। ज्ञात हो कि विधेयक में जेल से बाहर निकलने वाले कैदियों के भविष्य को लेकर परिकल्पनाएं की गई हैं।
समाज में उनकी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए हो रहे उपायों पर भी चर्चा है। इसमें प्रविधान किया गया है कि कैदियों से किसी भी स्थिति में मैला ढोने जैसे कार्य नहीं कराए जाएं। इसके अलावा जेलों के अंदर हड़ताल और आंदोलन जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।
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