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    झारखंड में सचिवालय सेवा के 2 दर्जन से अधिक अधिकारियों को मिला प्रमोशन, नए नोटिफिकेशन के साथ सामने आई लिस्ट

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 10:59 PM (IST)

    राज्य सरकार ने सचिवालय सेवा के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को प्रोन्नति देने का निर्णय लिया है। कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सचिवालय सेवा के अधिकारियों को संयुक्त सचिव एवं उपसचिव में प्रोन्नति प्रदान की गई है। यह प्रोन्नति 24 दिसंबर 2020 से 10 अप्रैल 2023 के बीच सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को भी मिलेगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने सचिवालय सेवा के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया है।

    कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सचिवालय सेवा के अधिकारियों को संयुक्त सचिव एवं उपसचिव में प्रोन्नति प्रदान की गई है।

    ये बने संयुक्त सचिव

    वेद रत्न मोहन, ओमप्रकाश तिवारी, कौशल किशोर झा, सुदेश कुमार वर्मा, बैजू प्रसाद, मनोज कुमार, राघवेंद्र झा, विमलनंद मिश्र, भीम रविदास, सुरेश चौधरी, प्रिसिल्ला मुर्मू, रेज्युस बाढ़, अनल प्रतीक मिंज और राजेश बाखला।

    ये बने उपसचिव

    राजेंद चौधरी, वशीर अहमद, अश्विनी कुमार लाल दास, मनोज कुमार, कृष्ण कुमार, राजीव रंजन तिवारी, विपिन कुमार, राजीव कुमार, सुशील कुमार, मिथिलेश कुमार नीरज, मदन मोहन झा, शिव कुमार चौधरी, घनश्याम प्रसाद, घनश्याम प्रसाद सिंह।

    आपत्ति निराकरण के बाद ही प्रोन्नति की वरीयता सूची हो जारी

    • झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में राज्य के प्राथमिक शिक्षकों के प्रोन्नति से संबंधित मामले में मंगवार को सुनवाई हुई।
    • सुनवाई के बाद अदालत ने सरायकेला खरसावां के उपायुक्त को प्रार्थियों की आपत्ति का निराकरण करने के बाद ही नई वरीयता सूची जारी करने का आदेश दिया है।
    • अदालत ने आदेश की प्रति मिलने के चार सप्ताह में आपत्ति निराकरण करने का आदेश देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया है।

    दस शिक्षकों की ओर से दाखिल की गई थी याचिका

    इसको लेकर मंगल सिंह बेसरा सहित दस अन्य शिक्षकों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को ग्रेड चार में प्रोन्नति दी जा रही है।इसपर राज्य के टेट उत्तीर्ण शिक्षकों ने आपत्ति जताई है।

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    उनका कहना है कि आरटीई के प्रविधान के अनुसार और एनसीटीई के गाइडलाइन के अनुसार किसी भी नए पद पर प्रोन्नति के लिए टेट उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसका पालन किए बिना ही वरीयता सूची बनाकर प्रोन्नति दी जा रही है।

    जेपीएससी नियुक्ति घोटाले के सात आरोपितों को नहीं मिली राहत

    जेपीएससी प्रथम सिविल सेवा भर्ती घोटाले के आरोपित जमशेदपुर के डीआरडीए के निदेशक संतोष कुमार गर्ग सहित सात आरोपियों को राहत नहीं मिली है।

    सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने सभी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने संतोष कुमार गर्ग, अनंत कुमार, ज्योति कुमारी झा, सुषमा नीलम सोरेंग, सीमा सिंह और कामेश्वर नारायण की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।

    रांची नगर निगम के पूर्व अपर प्रशासक कुंवर सिंह पाहन, अलका कुमारी, परमेश्वर मुंडा, मोहन लाल मरांडी और जितेंद्र मुंडा की याचिका पर अदालत अपना आदेश पांच मार्च को सुनाएगी।

    सभी आरोपितों की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि सीबीआइ कोर्ट ने 16 जनवरी को 47 अफसरों सहित 74 लोगों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए समन जारी किया है।

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