रांची एयरपोर्ट पर भूकंप के झटकों से गिरी बिल्डिंग, टर्मिनल भवन में फंसे यात्री; CISF की आई प्रतिक्रिया
Jharkhand News In Hindi रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एक माक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल भवन के अंदर और बाहर भूकंप के झटके महसूस किए गए। सीआईएसएफ के अधिकारियों और जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टर्मिनल भवन में बैठे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।

जागरण संवाददाता, रांची। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर मंगलवार को टर्मिनल भवन में बैठे यात्रियों ने दो बार भूकंप के झटके महसूस किए।
इस दौरान जिसे जहां जगह मिली, छिप गए। अलार्म बजते ही सीआईएसएफ के अधिकारी व जवान चौकन्ने हो गए। फिर एक-एक कर टर्मिनल भवन में मौजूद यात्रियों को बाहर निकाला गया।
हालांकि इस दौरान कुछ यात्री बेहोश गए, जिन्हें सीआईएसएफ के जवानों ने स्ट्रेचर के माध्यम से बाहर निकाला।इसी दौरान सीआईएसएफ के अधिकारी को जानकारी मिली कि एयरपोर्ट परिसर में एक बिल्डिंग भूकंप के झटके से गिर चुका है।
फिर आनन-फानन में एनडीआरएफ की टीम मैके पर पहुंची। दरअसल, मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल भवन के अंदर व बाहर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था।
इलाज के लिए यात्रियों को भेजा गया अस्पताल
सीआईएसएफ के अधिकारी व जवान पुराने टर्मिनल भवन के अंदर भूकंप के झटके महसूस करने के बाद टर्मिनल भवन के अंदर बैठे यात्रियों को बाहर निकालने में जुटे रहे और बेहोश हो चुके यात्रियों को एंबुलेंस के माध्यम से बेहतर इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
वहीं दूसरी ओर, भूकंप के झटके के बाद एयरपोर्ट परिसर में गिरे बिल्डिंग के मलवा में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम पहुंची।
बिल्डिंग के मलवे में दो लोगों के फंसने की सूचना मिलने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने कटर मशीन ने गिर चुके बिल्डिंग की दीवार काटी।
घायलों को निकाला गया बाहर
- इसके बाद घायलों को बाहर निकाला गया और स्ट्रेचर के सहारे मेडिकल कैंप में लाया गया, जहां उपस्थित चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को एंबुलेंस से बेहतर इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
- इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने आग लगने की घटना के बाद किस प्रकार अग्निशमन यंत्र के माध्यम से आग पूर काबू पाया जाता है, मॉक ड्रिल के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
- मौके पर उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार ने बताया कि आपदा प्रबंधन को लेकर एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है।
हमलोग सुरक्षित हाथों में- सीआईएसएफ
इस दौरान एयरपोर्ट के अंदर सीआईएसएफ व अग्निशमन टीम किस प्रकार मुस्तैद रहेगी। अलर्ट मैसेज कैसे किए जाएंगे। साथ ही रिस्पांस मैकानिज्म कैसे काम करेगा। इसे मॉक ड्रिल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
भूकंप के झटके के दौरान एनडीआरएफ की टीम ने ध्वस्त हो चुके बिल्डिंग की दीवार को कटर मशीन से काटकर फंसे लोगों को कैसे बाहर निकाला, इसकी प्रस्तुति भी मॉक ड्रिल के माध्यम से की गई।
सीआईएसएफ के कमांडेंट मनीष ने कहा कि हमलोग सुरक्षित हाथों में हैं। भगवान करे ऐसा मौका कभी न आए। हालांकि आपदा तो आती रहती है। इसलिए ऐसी स्थिति आई तो हम आपदा प्रबंधन विभाग से सहयोग लेंगे।
मौके पर एयरपोर्ट निदेशक आरआर मौर्या समेत एयरपोर्ट के अन्य अधिकारी, सीआईएसएफ के अधिकारी, जवान व एनडीआरएफ की टीम में शामिल अधिकारी व कर्मी उपस्थिति थे।
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