जेल से बाहर निकलेंगे लालू यादव, हाई कोर्ट से मांगी बेल; गंभीर बीमारी के नाम पर याचिका
Lalu Prasad Yadav. चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की है।
रांची, जासं। चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जल्द ही जेल से बाहर निकल सकते हैं। उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर बेल मांगी है। अपनी गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए 71 वर्षीय लालू ने कहा है कि उन्हें अपनी बीमारी के बेहतर इलाज के लिए जमानत दिया जाए। उन्होंने कहा है कि वे क्रॉनिक किडनी, हर्ट और डायबीटिज समेत करीब 11 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
बता दें कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है। उक्त याचिका देवघर, चाईबासा व दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दाखिल की गई है। याचिका में लालू प्रसाद यादव की बढ़ती उम्र व बीमारी का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि लालू 71 वर्ष के हो गए हैं और उनको डायबिटीज, बीपी सहित अन्य कई तरह की बीमारियां है।
चारा घोटाला मामले में इससे पहले भी उनको जमानत मिल चुकी है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की जाए। बता दें कि लालू प्रसाद यादव दिसंबर 2017 से जेल में हैं। हालांकि इस बीच लालू प्रसाद यादव को इलाज के लिए हाई कोर्ट से कई बार औपबंधिक जमानत भी मिल चुकी है। हाई कोर्ट ने 27 अगस्त 2018 को उनकी औपबंधिक जमानत खारिज करते हुए 30 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था।
तब हाई कोर्ट की ओर से कहा गया था कि सजायाफ्ता होने के बावजूद वह घर में क्या कर रहे हैं। उन्हें या तो जेल में होना चाहिए या फिर अस्पताल में। लालू प्रसाद यादव की ओर से जमानत याचिका दाखिल करने वाले वकील प्रभात कुमार ने बताया कि दुमका कोषागार, चाईबासा कोषागार और देवघर कोषागार के मामलों में बेल मांगी गई है।
लालू को इन मामलों में नहीं मिली है जमानत : - देवघर ट्रेजरी मामला (आरसी 64 ए/96)- 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई।
- चाईबासा ट्रेजरी मामला (आरसी 68 ए/96) - 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई।
- दुमका ट्रेजरी मामला (आरसी 38 ए/96): मार्च 2018 में लालू यादव दोषी करार। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। यानी कुल 14 साल।
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