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लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन की तैयारी में झामुमो, सीटों के बंटवारे पर तय होगी किस्‍मत

झारखंड में लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन करने की तैया‍री में है। इस सिलसिले में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पटना और बेंगलुरु का दौरा भी कर चुके हैं। हालांकि गठबंधन का आकार सामने आने के बावजूद राज्य में इसकी मजबूती सीटों के बंटवारे पर निर्भर करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Wed, 19 Jul 2023 12:56 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2023 12:56 PM (IST)
झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए झामुमो की तैयारियां तेज।

प्रदीप सिंह, रांची। लोकसभा चुनाव को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच लामबंदी आरंभ हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पूर्व की भांति कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन की तैयारी में है। इस सिलसिले में राष्ट्रीय स्तर पर बन रही एकजुटता की कवायद में भी मोर्चा सक्रिय है।

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आगामी चुनाव में अधिक सीटों पर झामुमो की नजर

मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पटना और बेंगलुरु में हुई बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं। गठबंधन का आकार सामने आने के बावजूद राज्य में इसकी मजबूती सीटों के बंटवारे पर निर्भर करेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की नजर इस बार लोकसभा चुनाव में अधिक सीटों पर है, जबकि कांग्रेस दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मोर्चा के लिए पांच सीटें छोड़ी थी। कांग्रेस के खाते में नौ सीटें आई थीं।

झामुमो की पांच से अधिक सीटों पर दावेदारी करने की तैयारी

कांग्रेस ने अंदरूनी समझौते के तहत दो सीटें उस वक्त बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (लोकतांत्रिक) के लिए छोड़ी थी। मरांडी अब भाजपा में हैं। कांग्रेस का दावा अभी भी उतनी ही सीटों पर है। उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा पांच से अधिक सीटों पर दावेदारी करने की तैयारी में है।

हाल ही में संपन्न मोर्चा की केंद्रीय समिति की बैठक में इससे संबंधित मांग उठ चुकी है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठक के बाद तय होगा, लेकिन सीटों की दावेदारी को लेकर खींचतान बढ़ने की पूरी संभावना है।

सिंहभूम सीट पर झामुमो की पुख्ता दावेदारी

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की केंद्रीय समिति की बैठक में सिंहभूम संसदीय सीट पर दावेदारी की गई। यह सीट अभी कांग्रेस के कब्जे में है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा यहां से सांसद हैं। गीता कोड़ा झारखंड प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला समिति ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि सिंहभूम सीट पर उसका प्रत्याशी होना चाहिए। इसके पीछे जिले की सभी विधानसभा सीटों में एक को छोड़कर सभी सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का विधायक होने का तर्क दिया जा रहा है। हालांकि, गीता कोड़ा ने इसका खुलकर विरोध किया है। ऐसे में दावेदारी या उलटफेर होने पर गठबंधन में खींचतान की स्थिति बन सकती है।

एनडीए में ज्यादा गुंजाइश नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन से इतर भाजपानीत एनडीए में ज्यादा तकरार की संभावना नहीं दिखती है। भाजपा के साथ आजसू पार्टी का तालमेल पूर्ववत ही रहने की संभावना है। पिछले लोकसभा चुनाव में आजसू पार्टी के लिए गिरिडीह लोकसभा सीट छोड़ी गई थी। यहां से चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज की।

हालांकि, लोकसभा चुनाव के छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू पार्टी का तालमेल नहीं हो पाया था। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में दोनों दल एक बार फिर मजबूती से साथ दिख रहे हैं। सुदेश महतो ने मंगलवार को नई दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।


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