SIR in Jharkhand: झारखंड में फरवरी में हो सकता है एसआईआर, कट सकते हैं 12 लाख मतदाताओं के नाम
झारखंड में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गलत दस्तावेज देने वाले मतदाताओं पर कार्रवाई हो सकती है। अगले साल फरवरी में संभावित एसआ ...और पढ़ें

SIR में फर्जी दस्तावेज देने पर हो सकती है कार्रवाई
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मतदाता सूची के होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गलत दस्तावेज देनेवाले मतदाताओं के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। झारखंड में एसआईआर अगले वर्ष फरवरी माह में हो सकता है, इसके लिए राज्य में जोर-शोर से तैयारी चल रही है।
फिलहाल, वर्तमान मतदाता सूची की वर्ष 2003 की मतदाता सूची से पैंरेंटल मैपिंग तथा मतदान केंद्रों की जियो फेंसिंग तथा रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। अबतक की पैरेंटल मैपिंग में लगभग 12 लाख मतदाता चिह्नित किए गए हैं, जिनके नाम आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने पर काटे जा सकते हैं।
इधर, भारत निर्वाचन आयोग ने बंगाल सहित अन्य राज्यों में चल रहे एसआईआर के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर मतदाता पहचान पत्र बनने के मामले आने के बाद राज्यों के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
इसमें कहा गया है कि जिन मतदाताओं को निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, उन्हें निर्धारित दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें पिछली विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया से जुड़ी मैपिंग के प्रमाण भी सम्मिलित हो सकते हैं।
संबंधित मतदाताओं द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज बूथ लेवल ऑफिसर ऐप के जरिए अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी अधिकारी इन दस्तावेज की जांच करेंगे। दस्तावेज की जांच संबंधित प्राधिकार से कराया जाएगा। यह प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से होगी और ईसीआईनेट में दस्तावेज मिलने के पांच दिनों के भीतर पूरी करनी होगी।
यदि कोई दस्तावेज उसी राज्य के किसी अन्य जिले से जारी हुआ है तो उसे ईसीआइनेट के माध्यम से संबंधित जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा। वहां से सत्यापन के बाद दस्तावेज वापस भेजे जाएंगे।
अगर दस्तावेज किसी दूसरे राज्य के प्राधिकार से जारी हुआ है तो उसे राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जरिए संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा जाएगा, ताकि तुरंत जांच हो सके।
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