झारखंड में बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक, BJP ने बनाई दूरी; नेता प्रतिपक्ष के न होने पर स्पीकर ने कही ये बात
झारखंड विधानसभा में 24 फरवरी से 27 मार्च तक बजट सत्र का आयोजन किया जा रहा है। इसी को लेकर शुक्रवार को स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी का कोई भी विधायक नहीं पहुंचा। मीडिया से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि सदन के लिए नेता प्रतिपक्ष बहुत आवश्यक है।

राज्य ब्यूरो, रांची। विधनासभा के बजट सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए शुक्रवार को स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो द्वारा बुलाई गई बैठक में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का कोई विधायक नहीं पहुंचा।
विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी ने अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है। प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते भाजपा विधायक दल के नेता को सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल होगा।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि सदन के लिए नेता प्रतिपक्ष आवश्यक है। उन्होंने सदन के संचालन के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है।
भाजपा से किया गया है आग्रह
उल्लेखनीय है कि नेता चयन के लिए भाजपा से आग्रह किया गया है। सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के वरिष्ठतम विधायक सीपी सिंह को आमंत्रण भेजा गया था। हालांकि वे बैठक में शामिल नहीं हुए।
इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, राजद विधायक दल के नेता सुरेश पासवान, जदयू विधायक सरयू राय और लोजपा के विधायक जनार्दन पासवान उपस्थित थे।
बजट पर दो दिन होगी चर्चा
विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष का बजट तीन मार्च को पेश होगा। पहले इस पर एक दिन चर्चा निर्धारित थी। लेकिन सर्वदलीय बैठक में निर्णय हुआ कि बजट पर दो दिनों तक चर्चा होगी। इसके अलावा अत्यंत ज्वलंत या नया विषय आया तो कार्यमंत्रणा समिति में चर्चा कर निर्णय होगा।
विधानसभा सत्र के दौरान समय पर प्रश्नों के उत्तर देने का आदेश विभागों को दिया गया है। यह भी कहा गया है कि विधेयक सदन के पटल पर पेश होने के तीन दिन पूर्व दें और लंबित आश्वासनों को पूर्ण करने की दिशा में भी तत्परता से काम करें।
सकारात्मक विषय उठाएंगे सदस्य - हेमंत सोरेन
बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी बजट सत्र आहूत होना है। सत्र सुचारू रूप से चलेगा। उम्मीद करते हैं कि सभी लोग अपने अपने क्षेत्रों से और राज्य के विषय को सकारात्मक तरीके से सदन के उठाएंगे।
विधायक दल के नेता के बिना ही बजट सत्र में जाने की भाजपा की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी राज्य विधानसभा के बजट सत्र में विधायक दल के नेता के बिना ही जाने की तैयारी में है। सोमवार से बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है। अभी तक भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव कराने की कोई योजना नहीं बनाई है।
हालांकि इस संबंध में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से पिछले दिनों चर्चा की है। केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से अभी प्रतीक्षा करने की बात कही गई है। बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र में भाजपा विधायकों द्वारा सरकार की योजनाओं पर गंभीर चर्चा की उम्मीद है।
विधायक दल का नेता नहीं रहने से सदन में भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ही विपक्ष की आवाज उठाएंगे। भाजपा ने अभी सचेतकों की नियुक्ति भी नहीं की है। हालांकि भाजपा के बड़े नेताओं का मानना है कि महीने भर लंबे बजट सत्र के बीच में भी विधायक दल के नेता का चुनाव हो सकता है।
विधायक दल का नेता और प्रदेश अध्यक्ष दोनों बनाने की चुनौती
प्रदेश भाजपा के पास विधायक दल का नेता चुनने के अलावा प्रदेश अध्यक्ष चुनने की चुनौती भी है। हालांकि दोनों ही पद पर केंद्रीय नेतृत्व की योजना और सहमति से ही नाम तय किए जाएंगे। लेकिन नाम तय करते हुए राज्य में सामाजिक समीकरण साधने की भी कोशिश होगी।
आने वाले दिनों में राज्य में निकाय चुनाव संभावित हैं। विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय करते हुए भाजपा आदिवासी और ओबीसी मतदाताओं की पसंद का भी ध्यान रखेगी।
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