Jharkhand Teacher News: शिक्षकों के लिए खुशखबरी, नई प्रमोशन नियमावली को लॉ डिपार्टमेंट से मिली हरी झंडी
झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। उनकी प्रोन्नति के लिए बनाई जा रही नई नियमावली को विधि विभाग ने मंजूरी दे दी है। अब वित्त और कार्मिक विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट जाएगा। इस नियमावली के लागू होने से कई विवाद खत्म होंगे और मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पद भी भरे जा सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर गठित की जा रही नई नियमावली पर विधि विभाग (लॉ डिपार्टमेंट) ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अब इसपर वित्त और कार्मिक विभाग की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया है। दोनों विभागों की स्वीकृति के बाद प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा।
राज्य गठन के बाद राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए पहली बार नियमावली गठित की जा रही है। इससे पहले, प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति वर्ष 1993 में में संयुक्त बिहार में गठित नियमावली के तहत की जा रही थी।
इस नियमावली के कुछ प्रविधानों में काफी विवाद रहा है, जिसे लेकर मामला झारखंड उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गया है। न्यायालयों द्वारा अलग-अलग समय में प्रोन्नति को लेकर आदेश भी आते रहे हैं।
नई नियमावली का प्रस्ताव तैयार
अब विभाग ने इन सभी विवादों को खत्म करने के उद्देश्य से नई नियमावली का प्रस्ताव तैयार किया है। इसपर विभिन्न शिक्षक संघों से भी सुझाव लिए गए हैं। प्रस्तावित नई प्रोन्नति नियमावली में अन्य प्रविधान के अलावा यह भी प्रविधान है कि एकबारीय छूट के तहत जिन शिक्षकों की कुल सेवा अवधि 20 वर्ष या इससे अधिक हो गई है, उन्हें ग्रेड चार में पांच साल रहने की बाध्यता नहीं होगी।
पिछला ग्रेड प्राप्ति की तिथि अगला ग्रेड प्राप्त करने के लिए वरीयता का आधार होगा। प्रधानाध्यापकों के उपलब्ध पदों में से 50-50 प्रतिशत पद सीधे नियुक्ति और प्रोन्नत शिक्षकों के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं।
प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता होगा साफ
प्रोन्नति नियमावली गठित होने से राज्य के मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ होगा। दरअसल, प्रधानाध्यापकों के पद प्राथमिक शिक्षकों के ग्रेड चार से सात में प्रोन्नति के आधार पर भरा जाना है। बताते चलें कि प्रोन्नति नहीं मिलने से 95 प्रतिशत से अधिक मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आने का अनुरोध
- अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव से सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम आदेश आने के बाद ही नई प्रोन्नति नियमावली गठित करने का अनुरोध किया है।
- संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक एसएलपी में पारित उस आदेश का हवाला दिया है, जिसमें राज्य सरकार को प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति के मामले में यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
- संघ के अनुसार, उक्त एसएलपी प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड चार से सात में प्रोन्नति देने को लेकर है।
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