Jharkhand News: बिजली ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत में देरी पर अब मिलेगा हर्जाना, जानिए क्या है नियम और प्रक्रिया
झारखंड में बिजली वितरण कंपनियों को अब खराब ट्रांसफॉर्मर को तय समय में बदलना होगा। शहरी क्षेत्रों में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर ट्रांसफॉर्मर को बदलना या मरम्मत करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उपभोक्ता हर्जाने का दावा कर सकते हैं। यह नियम सभी बिजली वितरण लाइसेंसी कंपनियों पर लागू है जिसमें सरकारी और निजी दोनों कंपनियां शामिल हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में खराब हुए ट्रांसफार्मर को बदलने का काम तय समय के भीतर करना होगा। नियमों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 12 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर को बदल देना या मरम्मत कर देना है।
ऐसा नहीं करने पर उपभोक्ता हर्जाने का दावा कर सकते हैं। यह नियम सभी बिजली वितरण लाइसेंसी कंपनियों पर समान रूप से लागू है। यानी सरकार की बिजली वितरण कंपनी से लेकर निजी विद्युत वितरण लाइसेंसी भी इस दायरे में आएंगे।
राज्य में झारखंड बिजली वितरण निगम के अलावा, डीवीसी आदि सरकारी कंपनियां बिजली वितरण करती हैं। इसके बाद जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां जिले में टाटा स्टील की कंपनी के जरिए बिजली का वितरण किया जाता है। यह नियम 10 वर्ष पुराना है।
हाल ही में संपन्न विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इसपर सरकार ने स्थिति स्पष्ट की। हालांकि ट्रांसफार्मर को लेकर जनप्रतिनिधियों की अक्सर शिकायतें रहती है, लेकिन कहीं से भी अभी तक हर्जाने को लेकर कोई दावेदारी नहीं की गई।
विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति की बैठक में इसपर निर्देश दिए गए हैं कि अधिकारी इसे लेकर लोगों का जागरूक भी करें।
डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी स्टैंडर्ड्स ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2015 (झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) में यह व्यवस्था है कि हर्जाने की राशि संबंधित पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपने वेतन से भरना होगा।
यह राशि प्रति दिन के हिसाब से 25 रुपये होगी और दावा करने पर उक्त ट्रांसफार्मर के वितरण क्षेत्र के दायरे में आने वाले सभी उपभोक्ताओं को इसका भुगतान करना होगा। इसके लिए उपभोक्ताओं को अधीक्षण अभियंता कार्यालय में दावा करना होगा।
कार्यप्रणाली में सुधार लाना उद्देश्य
यह प्रविधान इस उद्देश्य के साथ किया गया है कि बिजली पदाधिकारी और कर्मचारी कार्य के प्रति तत्पर रहें। शिकायत मिलने पर जल्द खराब पड़े ट्रांसफार्मर की मरम्मत कर दें अथवा उसे बदलने की कार्रवाई आरंभ करें। फिलहाल इस नियम के बारे में लोगों को काफी कम जानकारी है।
सतर्क और मुस्तैद रहने पर उपभोक्ता पदाधिकारियों पर इसके जरिए जल्द से जल्द खराब पड़े ट्रांसफार्मर को ठीक करा सकते हैं।
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