Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुड न्यूज! बैंकों में मिलेगा मां का दूध, झारखंड के कई बड़े शहरों में खुलने जा रहा Human Milk Center

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 04:02 PM (IST)

    Human Milk Bank नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध से बढ़कर उत्‍तम आहार और कुछ नहीं है। इससे बच्‍चों के दिमाग और शरीर का पूर्ण रूप से विकास होता है। लेकिन कई बार नवजात मां के दूध से कई कारणों से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में इन शिशुओं के लिए स्वास्थ्य विभाग बोकारो दुमका हजारीबाग व रांची में मानव दूध बैंक बनाने जा रहा है।

    Hero Image
    मिल्क बैंकों में मिलेगा मां का दूध, पोषण से कोई नवजात नहीं रहेगा वंचित। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, रांची: स्वास्थ्य विभाग ने एक वर्ष बाद राज्य के चार जिलों में डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना के लिए कवायद शुरू की है। विभाग ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में इसकी स्थापना के लिए टेंडर आमंत्रित किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन किसी कारण से उस समय टेंडर फाइनल नहीं हो पाया था। अब विभाग ने एक वर्ष बाद फिर से इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    इन जिलों में प्रस्तावित है डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना

    राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना रांची, बोकारो, दुमका तथा हजारीबाग में प्रस्तावित है। इन जिलों में इसकी सफलता के बाद इस योजना को राज्य के अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।

    नवजात शिशुओं को अपनी मां के दूध के समान सुरक्षित दूध उपलब्ध कराना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।इसके तहत मिल्क बैंक की स्थापना से लेकर दूध की जांच तथा मिल्क बैंक में काम करने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को दी जाएगी।

    नवजात शिशुओं के लिए स्टोर किया जाता है दूध

    डोनर मिल्क बैंक में नवजात शिशुओं के लिए मां का सुरक्षित दूध स्टोर किया जाता है। इसके माध्यम से उन नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराया जाता है, जिनकी मां किसी कारणवश स्तनपान कराने में असमर्थ होती हैं।

    मिल्क बैंक में दो तरह की महिलाएं दूध दान करती हैं। पहली स्वेच्छा से तथा दूसरी वे माताएं जो अपने बच्चों को दूध नहीं पिला सकतीं।

    विशेषज्ञों के अनुसार जिन माताओं के बच्चे दूध नहीं पीते अगर उनका दूध नहीं निकाला जाए तो उनमें रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में उनके लिए दूध दान करना अच्छा विकल्प माना जाता है।

    13 प्रतिशत तक आ सकेगी पांच वर्ष तक के बच्चों की मौत में कमी

    शिशुओं को यह दूध उपलब्ध होने से पांच वर्ष तक के बच्चों के होने वाली मौत में 13 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। साथ ही जन्म के बाद मां के पहले घंटे का दूध पीने से नवजातों में होने वाली मौत में 22 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।

    स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में भर्ती शिशुओं में 10 से 15 प्रतिशत शिशुओं को ऐसे दूध की आवश्यकता होती है। यह दूध पिलाने से इसमें कमी आ सकती है।

    यह भी पढ़ें- 

    Bihar: इस जिले में बनेगा बिहार का सबसे बड़ा तालाब, 156 एकड़ होगा रकबा; 75.28 करोड़ की DPR तैयार

    Bhagalpur News: न्यू भागलपुर स्टेशन पर मिलेंगी ये 5 वर्ल्ड क्लास सुविधाएं; यात्रियों के लिए शानदार व्यवस्था