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    Bihar: इस जिले में बनेगा बिहार का सबसे बड़ा तालाब, 156 एकड़ होगा रकबा; 75.28 करोड़ की DPR तैयार

    दरभंगा में तीन ऐतिहासिक तालाबों - हराही दिग्घी और गंगासागर - का संगम होगा जिससे यह प्रदेश का सबसे बड़ा तालाब बनेगा। यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। तालाबों के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाएगा घाट निर्माण चेंजिंग रूम शौचालय फूड कोर्ट और वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए 75.28 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई है।

    By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 20 Jan 2025 03:31 PM (IST)
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    दरभंगा में स्थित हराही तालाब। फोटोृ- सोशल मीडिया

    मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। दरभंगा में तीन ऐतिहासिक तालाब हराही, दिग्घी और गंगासागर का संगम होगा। इससे यह प्रदेश के सबसे बड़े तालाब (करीब 156 एकड़) के रूप में सामने आएगा। यहां उत्तराखंड की नैनी झील की तरह पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित होंगी। वाटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था भी की जाएगी।

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    इससे रोजगार के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है। पूरा काम बुडको कराएगा। दरभंगा शहर में एक पंक्ति में हराही, दिग्घी और गंगासागर तालाब हैं। क्षेत्रफल के मामले सबसे बड़ा दिग्घी तालाब है। इसका रकबा 112 बीघा 10 कट्ठा है। इसके ठीक उत्तर हराही तालाब का रकबा 62 बीघा 10 कट्ठा है।

    अतिक्रमण के चलते तालाब की स्थिति खराब

    दिग्घी के ठीक दक्षिण दिशा में तीसरा गंगा सागर तालाब है, जिसका रकबा 78 बीघा दो कट्ठा 10 धूर है। ऐसे में तीनों तालाब का रकबा 253 बीघा दो कट्ठा 10 धूर हो जाएगा। दरभंगा राज की ओर से बनवाए गए तीनों तालाब वैसे तो नहर के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हैं, लेकिन अतिक्रमण के चलते इनकी स्थिति ठीक नहीं।

    सीएम नीतीश ने किया शिलान्यास

    पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर दरभंगा पहुंचे तो उन्होंने तीनों तालाबों को एकीकृत कर सुंदरीकरण की योजना का शिलान्यास किया। इसके तहत तीनों तालाबों की सफाई होगी। इसके किनारे से अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसमें गिरने वाले सीवरेज सहित प्रदूषित जल का डायवर्जन दूसरी ओर होगा।

    इसके अलावा घाट का निर्माण, चेंजिंग रूम, शौचालय, फूड कोर्ट, नौका विहार, जेट स्की, सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट, बेंच, कियोस्क पार्क, ओपेन जिम और पार्किंग की व्यवस्था की जाएगाी। यहां वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों का भी संचालन होगा। इसे लेकर 75.28 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई है। हालांकि, योजना के महत्वाकांक्षी होने के कारण राशि में वृद्धि होने की बात कही गई है।

    पहले भी हो चुके हैं प्रयास

    • शहर के प्रमुख तीनों तालाब का सुंदरीकरण महाराज रुद्र सिंह (1839–1850) ने अपने कार्यकाल में कराया था। इसके बाद रईस हाजी मो. वाहिद अली खान ने यह काम कराया था। इसके बाद कोई पहल नहीं की गई।
    • वर्ष 1974 में तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा ने तीनों तालाबों को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक सर्वे और डीपीआर बनाने से आगे तक कार्य नहीं बढ़ा।
    • वर्ष 1993 तत्कालीन डीएम अमित खरे ने इसके सुंदरीकरण का प्रयास किया, लेकिन तबादले के कारण उनका सपना पूरा नहीं हो सका। वर्ष 1994 में छात्र संस्था तरू-मित्र ने रैली निकालकर आंदोलन किया था।

    शहर के ऐतिहासिक तीनों तालाबों का एकीकरण कर सुंदरीकरण किया जाएगा। इसे लेकर तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डीपीआर के तहत आवंटित राशि में भी वृद्धि होगी। - राकेश कुमार साफी, कार्यपालक अभियंता, बुडको

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