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    Jharkhand Lok Sabha Result 2024: झारखंड की सभी आदिवासी सुरक्षित सीटों पर BJP की करारी हार, अब क्या करेगी भाजपा?

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 05:49 PM (IST)

    मोदी सरकार में अर्जुन मुंडा जनजातीय मामलों के मंत्री रहे अर्जुन मुंडा झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। खूंटी से सटी लोहरदगा सीट समीर उरांव भी चुनाव हार गए हैं। इसी तरह सिंहभूम दुमका और राजमहल सीट भी भाजपा हार गई। ये स्थिति तब है जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी खुद संताल आदिवासी समुदाय से हैं।

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    झारखंड की सभी आदिवासी सुरक्षित सीटों पर BJP की करारी हार। (फाइल फोटो)

    दिव्यांशु, रांची। नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार में अर्जुन मुंडा जनजातीय मामलों के मंत्री थे। पिछले वर्ष नवंबर महीने में प्रधानमंत्री ने अर्जुन मुंडा के लोकसभा क्षेत्र खूंटी से भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर हजारों करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन भी किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा खूंटी सीट एक लाख से ज्यादा वोट से हार गए।

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    खूंटी से सटी लोहरदगा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा के सुदर्शन भगत चुनाव जीते थे। इस बार पार्टी ने समीर उरांव को टिकट दिया। समीर उरांव भी कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत से चुनाव हार गए। इसी तरह सिंहभूम, दुमका और राजमहल सीट भी भाजपा हार गई।

    ये स्थिति तब है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी स्वयं संताल आदिवासी समुदाय से हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा ने झारखंड की राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाया है। आदिवासी मतदाताओं के मन में भाजपा के लिए बाहरी पार्टी होने का भ्रम बरकरार रहा और उसे हार का सामना करना पड़ा।

    हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पड़ा असर

    लोहरदगा, खूंटी और सिंहभूम में आदिवासी समाज के मन में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने का मुद्दा प्रमुख रहा।

    भाजपा नेता भ्रष्टाचार के मामले में सफाई देते रहे, लेकिन आदिवासी समुदाय ने इसे अपने एक नेता पर की गई राजनीतिक कार्रवाई ही माना।

    झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की कर्मस्थली रही दुमका में उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन को अपने साथ लाकर चुनाव लड़ाने वाली भाजपा को यहां भी जीत नहीं मिली। इसी तरह राजमहल सीट पर भी भाजपा एक लाख से ज्यादा के अंतर से हार गई।

    मुस्लिम और आदिवासी वोटरों का समीकरण निर्णायक

    झारखंड में आदिवासी सुरक्षित सीटों में से लोहरदगा, दुमका और राजमहल में मुस्लिम मतदाता 18 से 20 प्रतिशत हैं। मुस्लिम मतदाता भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर वोट करते रहे हैं।

    इन क्षेत्रों में 26 से 40 प्रतिशत तक आदिवासी आबादी है। दोनों को मिलाकर करीब 50 प्रतिशत वोट एकतरफा भाजपा के खिलाफ गए। इससे भाजपा की हार हुई।

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